West Bengal:आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर
बंगाल में इन दिनों राजनीतिक गतिविधियां उफान पर हैं। आरोप-प्रत्यारोप, वार-पलटवार का कोई मौका सत्ता पक्ष और विपक्ष छोड़ नहीं रहा है। समतल से पहाड़ और जमीन से लेकर जंगल तक माहौल गर्म नजर आ रहा है
West Bengal:आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर
राज्य में राजनीतिक गतिविधियां उफान पर
रवीन्द्र राय
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में इन दिनों राजनीतिक गतिविधियां उफान पर हैं। आरोप-प्रत्यारोप, वार-पलटवार का कोई मौका सत्ता पक्ष और विपक्ष छोड़ नहीं रहा है। समतल से पहाड़ और जमीन से लेकर जंगल तक माहौल गर्म नजर आ रहा है। सारधा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन के बयान के आधार पर तृणमूल कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को घेरने की तैयारी में है तो विपक्ष दल भाजपा शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर हमलावर है। सुदीप्त सेन के ये आरोप कि शुभेंदु ने उन्हें ब्लैकमेल किया और उनसे रुपए लिए, तृणमूल ने शुभेंदु की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। पार्टी नेता और पार्टी के छात्र संगठन के नेता सड़क पर उतर कर नेता प्रतिपक्ष की गिरफ्तारी की मांग करेंगे।
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हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला: भाजपा
दूसरी तरफ भाजपा का आरोप है कि राज्य में हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है। शिक्षक नियुक्ति घोटाले पर से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार ने विधानसभा में बिल पारित कराया। राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के चांसलर पद से राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को लाने की कोशिश की।
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जीटीए के चुनाव पर सभी की निगाह
उधर एक दशक के बाद पहाड़ पर गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के चुनाव पर सभी की निगाह टिकी हुई है। दार्जिलिंग पहाड़ को नियंत्रित करने वाली अद्र्ध स्वायत्त परिषद जीटीए के लिए क्षेत्र की राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव देखने को मिल सकता है। कुल 277 उम्मीदवारों में 178 निर्दलीय उम्मीदारों का होना अपने आप में एक रेकॉर्ड है तो कुछ नई राजनीतिक कहानी का इशारा भी है। इसके अलावा राज्य की छह नगर पालिकाओं के छह वार्ड में उपचुनाव ताजा राजनीतिक हालात के संकेत देंगे।
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तनातनी भी नए मोड़ पर
राज्यपाल और राज्य सरकार में तनातनी भी नए मोड़ पर पहुंच गई है। राज्यपाल जब तब विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। उन्होंने सिटी ऑफ ज्वॉय को अब रिटायर्ड लोगों का शहर करार दिया तथा राज्य सरकार पर राज्य का विकास नहीं करने का आरोप लगाया तो सत्तापक्ष ने दावा किया कि यह राज्य की जनता का अपमान है। राज्यपाल अपने बयानों से राज्य में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं।
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