उधर जवाद के खतरे के मद्देनजर गुरुवार को हावड़ा मंडल के शालीमार रेलवे यार्ड में खड़ी ट्रेनों के पहिए को लोहे की जंजीरों से बांध दिया गया। दक्षिण-पूर्व रेलवे ने तूफान के दौरान ट्रेनों को संभावित नुकसान और किसी तरह की दुर्घटना से बचाने के लिए एहतियाती कदम के तहत ऐसा किया। इससे पहले भी आए चक्रवात से पहले ट्रेन के पहियों को लोहे की जंजीरों से बांधा गया था। जब भी तूफान आता है शालीमार स्टेशन और यार्ड में ऐसा किया जाता है।
सऊदी अरब के सुझाव पर रखा नाम जवाद
तूफानों के नामकरण की प्रक्रिया के तहत सऊदी अरब के सुझाव पर इस तूफान का नाम जवाद रखा गया। जवाद एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है उदार। इस लिहाज से कहा जा रहा है कि यह तूफान बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होने वाला है। ऐसी संभावना जताई गई है कि इससे पहले आए चक्रवातों की अपेक्षा इसका असर आम जनजीवन पर उतना नहीं पडऩे वाला है।