scriptक्या हुआ कि ममता के मंत्री विधायक को मारने विधानसभा में दौड़े | What happened that Mamata's minister ran in the assembly to beat MLA | Patrika News

क्या हुआ कि ममता के मंत्री विधायक को मारने विधानसभा में दौड़े

locationकोलकाताPublished: Feb 11, 2020 11:11:28 pm

Submitted by:

Manoj Singh

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को ममता बनर्जी की सरकार के एक मंत्री ने मंगलवार को अपना आपा खो दिया और विधानसभा में ही दौड़ कर कांग्रेस विधायक को मारने गए। ऐसा क्या हुआ कि मंत्री मारने के लिए तुले गए।

क्या हुआ कि ममता के मंत्री विधायक को मारने विधानसभा में दौड़े

पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में अंबेडकर की मूर्ति के पास धरना पर बैठे कांग्रेस और वाम मोर्चा के विधायक

स्पीकर ने क्या कहा, क्या किए विपक्षी दल के विधायक
कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को ममता बनर्जी की सरकार के एक मंत्री ने मंगलवार को अपना आपा खो दिया और विधानसभा में ही दौड़ कर कांग्रेस विधायक को मारने गए। विरोध में विपक्षी दलों के विधायक सदन का वहिष्कार किए। ऐसा क्या हुआ कि मंत्री मारने के लिए तुले गए।
यह घटना 1.30 बजे तब हुई जब विधानसभा में राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर बहस शुरू हुई। नियम या कोरम के अनुसार सदन में उपयुक्त संख्या में मंत्री उपस्थित नहीं थे। इस पर कांग्रेस और माकपा के करीब 40 विधायकों ने सदन में मंत्री की गैरहाजिरी पर हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायक मनोज चक्रवर्ती ने सदन में इस मुद्दे पर उठाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से शिकायत करते हुए कहा कि बजट पर बहस के दौरान सुनने के लिए सदन में जब कोई मंत्री ही नहीं रहेगा तो इस बहस का क्या मतलब है।

अभी मनोज चक्रवर्ती शिकायत कर ही रहे थे कि राज्य के संसदीय कार्य राज्य मंत्री तापस राय ने सदन में प्रवेश किया। विपक्षी दल के विधायकों ने मंत्री से विलंब से आने का कारण पूछा तो वे आपे से बाहर हो गए। उन्होंने तेज आवाज में कहा कि ‘‘किस बात पर यह हंगामा हो रहा है?’’ और विधायक मनोज चक्रवर्ती के पास पहुंच गए और हाथापाई पर उतारू हो गए। इसमें विपक्ष के और भी विधायक उलझ गए। कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायकों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए मंत्री से माफी मांगने की मांग की, लेकिन मंत्री राय ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। इस बीच स्पीकर ने कहा कि जो हुआ वह उचित नहीं है। विपक्ष शान्त हो जाए।

लेकिन विपक्ष के विधायक नहीं माने और सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से निकल गए और विधानसभा परिसर में अंबेडकर की मूर्ति के पास जा कर धरने पर बैठक गए। भाजपा विधायक मनोज तिग्गा ने न तो सदन का बहिष्कार किया और न ही बजट पर बहस में हिस्सा लिया। दोपहर 2.30 बजे राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी सदन में आए विपक्ष को समझाया। उन्होंने भविष्य में कभी भी ऐसी घटना नहीं होने का भरोसा दिया।

तानाशाही रवैये को दर्शाया

वाम मोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि मंत्री के व्यवहार से विपक्ष ने खुद को अपमानित महसूस किया। सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता असित मित्रा ने कहा कि जो आक्रमकता मंत्री रॉय ने विपक्षी विधायकों के प्रति दिखाई, वह ममता बनर्जी सरकार के तानाशाही रवैये को रेखांकित करती है। राज्यपाल के बजट भाषण पर बाद में बहस शुरू हुई लेकिन उस समय विपक्षी दल का कोई भी विधायक मौजूद नहीं था।

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