कोलकाता

Bengal battle field : पोखे को ले कर ऐसा क्या हुआ कि बंगाल में छिड़ गई सियासी जंग

इन दिनों पश्चिम बंगाल सियासी जंग का केन्द्र बन गया है। राजनीतिक पार्टियों के नेता क्यों सियासी जंग छेड़ने और अपना पलरा भारी करने के लिए बहाने ढ़ूढते रहते हैं। वे छोटी-छोटी आम बातों में राजनीतिक मुद्दे क्यों तलाश रहे हैं।

कोलकाताJan 24, 2020 / 11:15 pm

Manoj Singh

Bengal battle field : पोखे को ले कर ऐसा क्या हुआ कि बंगाल में छिड़ गई सियासी जंग

किसने किसके खिलाफ क्या कहा

कोलकाता
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पोहे वाले बयान को ले कर सियासत तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियों ने विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए उनके बयान को जातिवादी और साम्प्रदायिक बंटवारे वाली मानसिकता करार दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने विजयवर्गीय के इस बयान को बंगाली विरोध कहा।
कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को कहा था कि उनके घर पर काम करने वाले कुछ मजदूर बांग्लादेशी हो सकते हैं, क्योंकि वे केवल पोहा खाते हैं। इसके बाद उनके इस बयान पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तापस रॉय ने कहा कि इस तरह के जातिवादी और सांप्रदायिक बयान भाजपा की ‘बंगाली विरोधी’ मानसिकता का प्रतिबिंब हैं।

उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भाजपा बंगाली विरोधी पार्टी है। इस तरह के सांप्रदायिक बयान केवल उसकी मानसिकता को दर्शाते हैं। भाजपा और उसके नेताओं को बंगाल, उसकी संस्कृति और खाने की आदतों के बारे में कुछ भी पता नहीं है और वे बंगाल पर राज करने का सपना देख रहे हैं। बंगालियों का अपमान करने का उन्हें जवाब देना होगा।
रॉय के बयान को माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने समर्थन देते हुए कहा कि भाजपा देश की नस्लीय रूपरेखा बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ रोटी नहीं खाने से कोई व्यक्ति बांग्लादेशी नहीं बन जाता है। हमने यह पहली बार सुनी है। पोहा एक ऐसा मुख्य आहार है जो नाश्ते के रूप में बहुत लोकप्रिय है। भाजपा क्या करने की कोशिश कर रही है? सलीम ने कहा कि पहनावे, खान-पान और जीवनशैली के आधार पर देश की नस्लीय रूपरेखा बनाने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि विजयवर्गीय की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी का सिर्फ एक विस्तार है कि नागरिकता कानून के तहत हिंसा में लिप्त लोगों की पहचान उनके पहनावे से की जा सकती है। मोदी ने दिसंबर में झारखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि जिन लोगों ने सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था उन्हें उनके पहनावे से पहचाना जा सकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी विजयवर्गीय की आलोचना करते हुए कहा कि उनका बयान पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान है।

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