कोलकाता

जब हाथों में हाथ डालें दो पीढ़ी के मतदाता निकले एक साथ…

– दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट के लिए रविवार को 7 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं ने अपने पसंदीदे उम्मीदवार को जीताने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। युवा तो युवा लोकतंत्र के इस महापर्व में बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यूं तो मतदान हर कोई करता है, पर हर बार उम्मीदवारों की नजर युवा व बुजुर्ग मतदाताओं के फैसले की ओर अटकी रहती है। ये दो पीढिय़ां ऐसी हैं, जिनके मत बदलने के बहुत आसार रहते हैं।

कोलकाताMay 20, 2019 / 03:06 pm

Jyoti Dubey

जब हाथों में हाथ डालें दो पीढ़ी के मतदाता निकले एक साथ…

दक्षिण कोलकाता. रविवार को ठाकुरपुकुर इलाके में नजारा देखने लायक था जब एक बूथ से ये दोनों पीढ़ी के मतदाता एक साथ हाथों में हाथ डाले बाहर निकले। एक ने अपने ६२ साल की उम्र में राजनीति के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, तो दूसरे ने अभी-अभी इसे समझना शुरू किया है। हम बात कर रहे हैं सत्येंद्र नाथ बोस (62) और श्रीजोई बोस (25) की। रिश्ते में ये दोनों पिता-पुत्री हैं, जब मतदान केंद्र से बाहर निकले तो राजस्थान पत्रिका की टीम ने इन दो पीढ़ी के मतदाताओं को एक साथ देखकर उनके अनुभव को जाना।

एक ओर जहां सत्येंद्र नाथ बोस ने बंगाल में पिछले चरण के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की निंदा की और वोट डालना अपना सबसे बड़ा अधिकार व जिम्मेदारी बताया, वहीं श्रीजोई बोस ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से राजनीति हो रही है उससे हम युवा वोटर्स नाराज हैं। एक नेता दूसरे नेता को जिस तरह अपमानित कर रहे हैं और गलत शब्दों का उपयोग कर रहे हैं, उसको देखते हुए हम युवा वोटर्स तो वोट देना ही नहीं चाहते हैं। लेकिन मेरे पिता ने हमें मतदान के महत्व को बताया। इसीलिए आज मैं यहां वोट डालने आई हूं।

पेशे से वकील श्रीजोई ने इस दौरान राज्य की पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की वजह से दक्षिण कोलकाता के अधिकांश मतदाताओं ने घर से निकलने की हिम्मत दिखाई और वोट डालें है।

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