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Plastic: देश भर में प्लास्टिक पर पाबंदी कब!

locationकोलकाताPublished: May 19, 2022 12:19:33 am

Submitted by:

Rabindra Rai

village to city और जमीन से लेकर जल तक plastic waste का खतरा बढ़ता जा रहा है। देश भर में इस भीषण समस्या पर काबू पाने की कवायद सिर्फ कागजों में नजर आती

Plastic: देश भर में प्लास्टिक पर पाबंदी कब!

Plastic: देश भर में प्लास्टिक पर पाबंदी कब!

गांव से लेकर शहर, जमीन से लेकर जल तक खतरा
ना कोई विकल्प और ना ही कोई रोडमैप
रवीन्द्र राय
कोलकाता. गांव से लेकर शहर और जमीन से लेकर जल तक प्लास्टिक कचरे का खतरा बढ़ता जा रहा है। देश भर में इस भीषण समस्या पर काबू पाने की कवायद सिर्फ कागजों में नजर आती है। केन्द्र सरकार ने एक जुलाई से देश भर में एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है लेकिन इस पर निर्भरता कैसे खत्म होगी, इसका विकल्प क्या होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

बीस गुना बढ़ोतरी
सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले तीन दशकों के दौरान प्लास्टिक के उपयोग में 20 गुना बढ़ोतरी हुई है। इसका 60 प्रतिशत हिस्सा सिंगल यूज प्लास्टिक का है। इसके चलते नाले और नालियां जाम हो रही हैं। साथ ही इंसान, पशु, पक्षियों की मौत हो रही है।

दो चरणों में प्रतिबंध
पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 1 जुलाई से पॉलीस्टाइनिन और एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइनिन सहित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। मोटाई संबंधित नियम 30 सितंबर से शुरू होकर दो चरणों में लागू किया जाएगा। फिलहाल देश में 50 माइक्रोन से कम के पॉलीथिन बैग पर पाबंदी है। नए नियमों के तहत 31 दिसंबर से 75 माइक्रोन से कम मोटाई के पॉलीथिन बैग और 120 माइक्रोन से कम के बैग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

कोलकाता दूसरे नम्बर पर
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा दिल्ली में निकलता है। कोलकाता दूसरे, चेन्नई तीसरे और मुंबई चौथे नम्बर पर है। जबकि देश में हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। पश्चिम बंगाल के नगरपालिका इलाके में रोज 1645 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। कोलकाता में नाले और नालियों में प्लास्टिक का कचरा अटक जाने से बारिश होने पर सड़कें तालाब में बदल जातीं।

रोजाना निकलता प्लास्टिक कचरा
महानगर प्लास्टिक कचरा
दिल्ली 689.8
कोलकाता 429.5
चेन्नई 429.4
मुंबई 427.1
बेंगलूरु 313.9
अहमदाबाद 241.7
हैदराबाद 199.3
(आंकड़े टन में)

विकल्प आने पर ही रोक संभव
एकल उपयोग प्लास्टिक को रोकने के लिए जागरूकता अभियान के साथ जनांदोलन की जरूरत है। जब तक अन्य विकल्प सामने नहीं आएगा एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोक संभव नहीं है। सरकार को प्लास्टिक के विकल्पों पर स्टार्टअप शुरू करने वाले को रियायत देनी चाहिए।
सुभाष दत्त, पर्यावरणविद
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