कालेधन को ले कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर भाजपा नीत केन्द्र की एनडीए सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। नोटबंदी की घोर विरोधी मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपने फेसबुक अकाउंट में पोस्ट कर केन्द्र सरकार से काले धन का हिसाब मांगा। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार पर काले धन को सफेद करने का मौका देने का आरोप लगाया।
अपने फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी ने कहा है कि कालेधन को जब्त करने के लिए केन्द्र सरकार ने दो साल पहले नोटबंदी की थी। अब केन्द्र सरकार से उनका पहला सवाल है कि काला धन कहां गया। ममता बनर्जी का यह बयान उस समय आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस दिन जारी वर्ष 2017-18 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जितनी रकम के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट रद्द किए गए थे, उसका 99.3 प्रतिशत धन बैंकों में वापस आ गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को नटबंदी कर 15.41 लाख करोड़ मूल्य के 500 और 1000 रुपए के नोट को रद्द कर दिया था। सरकार ने अपने कदम को देश में छुपाए गए काले धन को जब्त करने वाला कदम बताया था। ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार से दूसरा सवाल किया है कि क्या नोटबंदी काले धन रखने वालों को जल्द से अपने काले धन को सफेद धन में बदलने की योजना के रूप में लागू किया गया था। नोटबंदी की घोषणा करने के बाद ममता बनर्जी ने इसे बहुत बड़ा जनविरोधी कदम बताया था। उन्होंने कहा था कि नोटबंदी देश के आम लोगों विशेष कर किसानों, असंगठित क्षेत्र, छोटे उद्यमियों और मध्यम वर्ग के लोगों के जन जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि यह बहुत ही दर्दनाक और शर्मनाक है।
अपने फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी ने कहा है कि कालेधन को जब्त करने के लिए केन्द्र सरकार ने दो साल पहले नोटबंदी की थी। अब केन्द्र सरकार से उनका पहला सवाल है कि काला धन कहां गया। ममता बनर्जी का यह बयान उस समय आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस दिन जारी वर्ष 2017-18 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जितनी रकम के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट रद्द किए गए थे, उसका 99.3 प्रतिशत धन बैंकों में वापस आ गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को नटबंदी कर 15.41 लाख करोड़ मूल्य के 500 और 1000 रुपए के नोट को रद्द कर दिया था। सरकार ने अपने कदम को देश में छुपाए गए काले धन को जब्त करने वाला कदम बताया था। ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार से दूसरा सवाल किया है कि क्या नोटबंदी काले धन रखने वालों को जल्द से अपने काले धन को सफेद धन में बदलने की योजना के रूप में लागू किया गया था। नोटबंदी की घोषणा करने के बाद ममता बनर्जी ने इसे बहुत बड़ा जनविरोधी कदम बताया था। उन्होंने कहा था कि नोटबंदी देश के आम लोगों विशेष कर किसानों, असंगठित क्षेत्र, छोटे उद्यमियों और मध्यम वर्ग के लोगों के जन जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि यह बहुत ही दर्दनाक और शर्मनाक है।