मधुपुर ग्राम निवासी रमेश महतो ने बताया कि जन्म से ही वह गांव के हालात इसी तरह देख रहा है। आधी से अधिक उम्र बीत गई। स्कूल अधिक दूर होने के कारण छोटी उम्र के बच्चे पढऩे नहीं जाते। जो जाते भी हैं बरसात के मौसम में उन्हें स्कूल छोड़ देना पड़ता है। बीमार पडऩे पर इलाज के लिए पैदल 30 किलोमीटर दूर स्थित दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को और अधिक समस्या होती है। महिला लक्ष्मी महतो का कहना है कि गांव में शौचालय और सामूहिक स्नानघर की कोई व्यवस्था नहीं है। मजबूरी में महिलाओं को खुले में शौच एवं स्नान करना पड़ता है। न खेती का कोई साधन है और न ही रोजगार का कोई अवसर। मजबूरन लोग पैदल लम्बी दूरी तय कर शहर मजदूरी करने जाते हैं। रमेश और लक्ष्मी की तरह गोपाल महतो, झुम्पा महतो, सुखलाल महतो आदि ने भी इसी तरह की बातें कही।