scriptPower Politics: जहां मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण करने वालों को मिलती है आजादी | Where those who surrender before the Chief Minister gets freedom | Patrika News

Power Politics: जहां मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण करने वालों को मिलती है आजादी

locationकोलकाताPublished: Oct 25, 2020 01:03:25 am

Submitted by:

Manoj Singh

अनलाफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत खुद को देशद्रोह करार दिए जाने के बाद से 2017 से भूमिगत रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता विमल गुरूंग क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने आत्मसमर्पण किया है। राजनीतिक तौर से आत्मसमर्पण करने से क्या वे राज्य सरकार की ओर से खुद के खिलाफ दायर किए गए देशद्रोह का मामला से आजाद हो जाएंगे। नहीं तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ऐसा क्यों कहा।

Power Politics: जहां मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण करने वालों को मिलती है आजादी

Power Politics: जहां मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण करने वालों को मिलती है आजादी

पाला बदलने पर क्या कानून के नजरों में फरार विमल गुरूंग को मिलेगी आजादी
कोलकाता

अनलाफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत खुद को देशद्रोह करार दिए जाने के बाद से 2017 से भूमिगत रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता विमल गुरूंग क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने आत्मसमर्पण किया है। राजनीतिक तौर से आत्मसमर्पण करने से क्या वे राज्य सरकार की ओर से खुद के खिलाफ दायर किए गए देशद्रोह का मामला से आजाद हो जाएंगे। नहीं तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ऐसा क्यों कहा।
गोरखालैंड आंदोलन के दौरान अपनी पार्टी नेताओं और खुद के खिलाफ यूएपीए के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद भूमिगत हुए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष रहे विमल गुरूंग के पाला बदलने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को तीखा तंज किया। गुरूंग के भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की घोषणा करने पर दिलीप घोष ने इस दिन ट्वीट कर कहा कि बंगाल एक अद्भूत राज्य है, जहां फरार व्यक्ति मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्ति पूरी आजादी का लाभ उठाता है।
उन्होंने कहा कि विमल गुरूंग पहाड़ से फरार थे। वे पहाड़ पर लौटना चाहते थे। इस लिए उन्होंने आत्मसमर्पण किया।
उन्होंने कहा कि यदि बंगाल की जनता ममता बनर्जी के समक्ष खुद को आत्मसमर्पण करेंगे तो उन्हें पूरी आजादी मिलेगी। पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो ने मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण किया तो वह अब आजादी से घूम रहे हैं। अब देखना है कि विमल गुरूंग के साथ क्या होता है।

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