कोलकाताPublished: May 11, 2019 05:36:49 pm
Manoj Singh
क्यों ममता सरकार ने जांच करने से बिजली नियामक आयोग को रोका
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सत्ता में आते ही ममता बढ़ाई थी बिजली शुल्क
मुकुल राय ने बताया कि वर्ष 2010 में बिजली नियामक आयोग ने बिजली शुल्क का दर सुनिश्चित कर तत्कालीन वाम मोर्चा की सरकार के पास स्वीकृति देने के लिए भेजा था। लेकिन तत्कालीन सरकार ने नई बिजली दर लागू करने की स्वीकृति नहीं दी और बिजली नियामक आयोग को ही भंग कर दिया। इसके बाद वर्ष 2011 में बंगाल की सत्ता में ममता बनर्जी की सरकार बनी। तब राज्य के बिजली मंत्री ने कहा था कि कोलकाता सहित बंगाल में बिजली शुल्क घटना चाहिए। लेकिन इसके उलट राज्य सरकार ने 2011-12 में 31 प्रतिशत और 2014-15 में 17 प्रतिशत बिजली शुल्क में वृद्धि करने की अनुमति दे दी।
कहां कितना लिया जाता है बिजली शुल्क
राज्य बिजला दर प्रति इकाई
कोलकाता 5.97 रुपए
दिल्ली 1.45 रुपए
मुम्बई-टाटा 3.39 रुपए
मुम्बई-अडानी 4.15 रुपए
मुम्बई- बेस्ट 2.20 रुपए
पश्चिम बंगाल 6.23 रुपए
महाराष्ट्र 4.25 रुपए
मध्य प्रदेश 4.25 रुपए
हरियाणा 2.50 रुपए
केरल 3.15 रुपए
कर्नाटक 4.65 रुपए
ओडिशा 3.40 रुपए
उत्तर प्रदेश 4.90 रुपए
असम 5.45 रुपए
आंध्र प्रदेश 2.03 रुपए
गुजरात 3.42 रुपए
गोआ 1.40 रुपए
झारखण्ड 1.75 रुपए
तामिल नाडू 1.50 रुपए
तेलांगना 2.03 रुपए
त्रिपुरा 5.41 रुपए
बिहार 3.17 रुपए
अरुणांचल प्रदेश 4.00 रुपए