यात्री हुए परेशान
हवाई यात्री संजय अग्रवाल का कहना है कि इस समय कोई घूमने के लिए उड़ान का टिकट नहीं बुक करवाया होगा। ऐसे में जरूरत के कारण ही हवाई टिकट बुक की थी पर उड़ान के रद्द होने से परेशान हूं। पहला तो परिवार में आवश्यकता होने पर भी समय से नहीं पहुंच पा रहे है वही फिर से कोरोना की जांच करवानी होगी। ऐसे में एक ही यात्रा के लिए दो-दो बार टेस्ट करवाने कहा तक सही है। इसके लिए सरकार को भी कुछ रियायत देनी चाहिए। मंगला भाष्कर का कहना है कि उसे भी जयपुर जाना था रद्द होने से परेशानी हो रही है। बार-बार के टेस्ट क्यूं करवाएं इसमें हमारी कोई गलती तो नहीं है। एयरलाइन्स को चाहिए कि वे इसके लिए हमें टिकट के किराए में छूट दे।
एयरलाइन्स की ओर से एक अधिकारी ने बताया कि यह प्राकृतिक आपदा है। हमें यात्री की जान से नहीं खेल सकते। कोरोना टेस्ट करवाने अनिवार्य है यह एयरलाइन्स तय नहीं करती। वह राज्य सरकार तय करती है। गत वर्ष से कोरोना के कारण हर राज्य सरकार की ओर से अपनी-अपनी तरह से कोरोना को लेकर सतर्कता जारी करती रही है। एयरलाइन्स की गलती है तो वह पैसे भी वापस लेती है या फिर अन्य किसी भी समय के लिए उड़ान का टिकट दे देती है। रद्द होने पर उसके पैसे नहीं लेती। वह एयरलाइन्स के हाथ में है।
इनका कहना है
प्राकृतिक आपदा किसी के भी हाथ में नहीं है ऐसे में आम लोगों की सुरक्षा के लिए यदि लगे तो उड़ानों को रद्द किया जाता है तो गलत नहीं है। इसको सभी को समझना चाहिए। कोरोना की भयानक स्थिति नजर आ रही है। ऐसे में कोरोना संबंधित जिसने भी प्रोटोकाल है वे राज्य सरकार के सख्त निर्देश के अनुसार ही है जिसका पालन करना भी बाध्यता है। जिसे स्वास्थ विभाग देखता है। ऐसे में किसी के समय की सीमा यदि खत्म हो जाती है तो उसको सरकारी नियम को मान्य करना होगा। यदि कोलकाता से चले भी जाते है तो दूसरे राज्य में यात्री असुविधा का सामना कर सकते है।
अनिल पंजाबी, चेयरमैन, पूर्वी क्षेत्र, ट्रेवल एजेंट्स फिडरेशन आफ इंडिया