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क्यो शाह को छोड़ कर ममता के शरण में गए पुरुलिया के आदिवासी परिवार

locationकोलकाताPublished: Jun 29, 2018 10:46:49 pm

Submitted by:

MANOJ KUMAR SINGH

शाह की धमकी से उक्त आदिवासी परिवार इतना डरे हुए हैं कि ये मानसिक तौर से कोमा में चले गए हैं

Kolkata

क्यो शाह को छोड़ कर ममता के शरण में गए पुरुलिया के आदिवासी परिवार

शाह को छोड़ ममता की शरण में पहुंचे चार आदिवासी परिवार

मदन मित्रा ने लगाया शाह पर आदिवासियों को धमकाने का आरोप

कोलकाता.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पांव छू कर आर्शीवाद लेने के 24 घंटे बाद पुरुलिया के चार आदिवासी परिवार शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शरण में आ गए। खुद के राजनीति से दूर रहने का दावा करने वाले इन परिवारों को तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा ने पार्टी में शामिल कर लिया। आदिवासी परिवारों को धमकाकर भाजपा में शामिल कराने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा और सांसद डॉ. शान्तनु सेन ने इस दिन मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित आवास पर पुरुलिया के चार आदिवासी परिवारों को साथ बिठा कर संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने दावा कि उक्त परिवार किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं। बाद में उनके हाथों में तृणमूल कांग्रेस का झंडा पकड़ाकर उन्हें पार्टी में शामिल करने की घोषणा कर दी। इससे पहले मित्रा ने अमित शाह को डरावना बताते हुए आदिवासी परिवारों को डराने धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि भयभीत हो कर संरक्षण के लिए उक्त परिवार के लोग स्वयं ममता बनर्जी के घर आए हैं।
तृणमूल सांसद शान्तनु सेन ने कहा कि शाह की धमकी से उक्त आदिवासी परिवार इतना डरे हुए हैं कि ये मानसिक तौर से कोमा में चले गए हैं और कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। बचने के लिए ये ममता बनर्जी के घर आए हुए हैं।
शाह ने जहां खाना खाया उस परिवार ने भी खुद को कहा था तृणमूल समर्थक

इससे पहले भाजपा के विस्तारक अभियान के तहत अमित शाह ने जलपाईगुड़ी के नक्सलबाड़ी के एक आदिवासी दम्पति के घर खाना खाया था। उस घटना के 24 घंटे के भीतर राज्य के मंत्री गौतम देव ने उनके घर जा कर उनसे तृणमूल के कार्यकर्ता होने की घोषणा करवाई थी।
अगली बार बंगाल में प्रवेश नहीं कर पाएंगे शाह
मदन मित्रा ने कहा कि अमित शाह अगली बार बंगाल में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। यह मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश नहीं है। यह बंगाल है। यहां ममता बनर्जी एक इंच जमीन नहीं देंगी। भारत के सभी राज्यों से खदेड़े जाने पर शाह बंगाल में आ रहे हैं। यहां से भगाए जाने पर भाजपा सीधे ताबूत में चली जाएगी।
मदन मित्रा के दावे की हवा निकाली
मदन मित्रा और सांसद शान्तनु सेन की ओर से अमित शाह पर धमकाने के आरोप लगाने के तुरन्त बाद संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित पुरुलिया के उक्त आदिवासियों में से एक पुचु राजभर ने उनके आरोपों की हवा निकाल दी। उसने स्वीकार किया कि अमित शाह ने उन लोगों को धमकी नहीं दी है और न ही कुछ कहा है। मदन मित्रा के समझाने पर उसने कहा कि लेकिन भाजपा के लोगों ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए कहा था। वे शाह को पहचानते नहीं हैं। वे सिर्फ ममता बनर्जी को जानते हैं और उन्हीं को वोट देते हैं।
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