कोलकाताPublished: Aug 06, 2020 01:57:32 am
Manoj Singh
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस की ओर से एक पत्रकार को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने पर रोक लगा दिया और पुलिस से कहा किसी घटना के बारे में पूछताछ के लिए संवाददाता को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं। हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों निर्देश दिया।
Calcutta Hight court: कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्यों एक पत्रकार को हिरासत में लेने से रोका
पुलिस को निर्देश देते हुए कोर्ट ने क्या कहा
कोलकाता
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस की ओर से एक पत्रकार को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने पर रोक लगा दिया और पुलिस से कहा किसी घटना के बारे में पूछताछ के लिए संवाददाता को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं। हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों निर्देश दिया।
एक ऑनलाइन बांग्ला पोर्टल प्रकाशित रिपोर्ट को लेकर पुलिस पूछताछ के लिए उस पोर्टल के संवाददाता अभिषेक दत्त को हिरासत में लेने के लिए तत्पर हुई तो वह पत्रकार कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बीरभूम जिले के दत्त ने हाई कोर्ट के न्यायाधीश सौमेन सेन और न्यायाधीश विवेक चौधरी की खण्ड पीठ के समक्ष उक्त पत्रकार अभिषेक दत्त ने अपनी अग्रिमत जमानत याचिका दायर की। अपनी दायर याचिका में उक्त पत्रकार ने खण्ड पूछ को बताया है कि उसने अपने प्रकाशित लेख में वह लिखा है कि लॉकडाउन के बीच रेत का अवैध खनन हुआ है और बीरभूम जिले के कुछ लोग अजय नदी के किनारे से ट्रकों से रेत की अवैध ढुलाई कर रहे हैं। इसके बाद परवेज आलम सिद्दीकी ने बीरभूम के इलमबाजार पुलिस थाने में उसके खिलाफ अतिचार, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत दर्ज कराई थी और पुलिस उसे हिरासत में लेने को कही है। याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश सेन और न्यायाधीश चौधरी की खण्ड पीठ ने पुलिस को पूछताछ के लिए उक्त पत्रकार को हिरासत में नहीं लेने का निर्देश दिया और कहा कि किसी रिपोर्टर से उम्मीद की जाती है कि वह लोगों को अवैध गतिविधियों के बारे में ईमानदारी से जागरुक करे। घटनाओं की उचित रिपोर्टिंग से अपराधियों के खिलाफ उचित कदम उठाने में प्रशासन को मदद मिलेगी। इस लिए उसे हिरासत में लेने की जरूरत नहीं। अवैध खनन की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और इस प्रकार के खनन को रोका जाना चाहिए।