कोलकाताPublished: Sep 26, 2020 02:03:40 am
Manoj Singh
कोरोना काल में आर्थिक तंगी से गुजर रही गुजर रही पश्चिम बंगाल सरकार ने चंदे के अभाव से गुजर रही राज्य की दुर्गा पूजा कमेटियों को पचास-पचास हजार रुपए देगी। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य के प्रत्येक दुर्गा पूजा कमेटियो को पचास-पचास हजार रुपए के अलावा दुर्गा पूजा के लिए 75 हजार हॉकरों को दो-दो हजार रुपए अनुदान देगी। सवाल यह है कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने के बावजूद मुख्यमंत्री ने इतनी रकम खैरात में देने के लिए क्यों घोषणा की।
Power politics: दुर्गा पूजा कमेटियों को मुख्यमंत्री ने क्यों की पचास-पचास हजार रुपए देने का एलान
75 हजार हॉकरों को भी क्यों देगी सरकार दो-दो हजार रुपए
कोलकाता
कोरोना काल में आर्थिक तंगी से गुजर रही गुजर रही पश्चिम बंगाल सरकार ने चंदे के अभाव से गुजर रही राज्य की दुर्गा पूजा कमेटियों को पचास-पचास हजार रुपए देगी। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य के प्रत्येक दुर्गा पूजा कमेटियो को पचास-पचास हजार रुपए के अलावा दुर्गा पूजा के लिए 75 हजार हॉकरों को दो-दो हजार रुपए अनुदान देगी। सवाल यह है कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने के बावजूद मुख्यमंत्री ने इतनी रकम खैरात में देने के लिए क्यों घोषणा की।
उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही हॉकरों की सूती तैयार कर लेगी और दुर्गा पूजा से बहुत पहले उक्त अनुदान का आबंटन कर दिया जाएगा। वे इस कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में दुर्गा पूजा कमेटियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने बाद बोल रही थी।
इस दौरान सभी पूजा कमेटियों के पदाधिकारियों से इस साल सादगी से पूजा आयोजन करने की सलाह देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल को चारों तरफ से खुला रखने के साथ प्रवश द्वार पर सेनिटाइजर की व्यवस्था करन होगी और सभी को मास्क पहनना अनिवार्य करना होगा। इसके अलावा पूजा पाण्डाल के अंदर और बाहर लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। भीड़-भाड़ को रोकने के लिए पूजा पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन करने की अनुमति नहीं होगी।
उल्लेखनीय है बंगाल के सबसे बड़ा त्योहार दुर्गा पूजा में अब करीब एक महीने का समय ही रह गया है। ऐसे में कोविड-19 महमारी के मद्देनजर सादगी से उत्सव मनाने की तैयारियां पूरे शहर में शुरू हो गई हैं और आयोजक संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय पर काम कर रहे हैं।
वे ज्वलंत विषयों पर थीम पूजा पंडाल बनाने की तैयारी में जुट गए है। लेकिन इस बार अन्य सालों से पूजा का बजट काफी कम कर दिया है।