16 वीं सदी के महान संत चैतन्य महाप्रभु के जीवन और उनके दर्शन पर बने विश्व के पहले संग्रहालय का उद्घाटन समारोह में आए भक्तों से चैतन्य महाप्रभु के बताए जाति और धर्म भेद-भाव से दूर मानव धर्म अपनाने की अपील की। उन्होंने सभी धर्म के लोगों के साथ मिल कर रहने की नसीहत दी और अपनी सरकार की ओर से विकसित किए गए बंगाल के विभिन्न हिन्दू धार्मिक स्थलों के नाम गिनाते हुए उन्होंने अचानक हिन्दुत्व को ले कर भाजपा पर वार करने शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने दक्षिणेश्वर मंदिर के आस-पास के इलाकों को विकसित किया। गंगा सागर को विकसित किया और वहां जाने वालों से लिया जाने वाला टैक्स हटा दिया। क्या नहीं किया, लेकिन दिल्ली में बैठे बहुत से लोगों को ये सब दिखाई नहीं देता है। हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे हम से अधिक हिन्दू तीर्थ स्थलों को विकसित नहीं किए है।
उन्होंने कहा कि जब वे विश्वनाथ मंदिर में गई तो उनसे पूछा गया कि वे हिन्दू कन्या होने का प्रमाण दें। हमने कहा उनसे कहा कि हम सबके लिए हैं। हम अपने हिन्दुत्व का प्रमाण उन्हें नहीं देंगे। वे कौन होते हैं, जिनके सामने हम अपने हिन्दू होने का प्रमाण पेश करना होगा। किसी के सामने अपने धर्म का प्रमाणित करने से अच्छा मर जाना होगा।
भाजपा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे लोग कहते है कि अरे ममता बनर्जी बंगाल में दुर्गा पूजा होने नहीं होने देती है। लेकिन ये सच्चाई नहीं है। इसके उलट हमारे समय में बंगाल में लाखो दुर्गा पूजा हो रही है। यही ही नहीं छठ पूजा, सिख धर्म के कार्यक्रम और दूसरे सभी धर्मों के आयोजन होते हैं।
भाजपा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल की संस्कृति को ले कर देश में हिंसा की जा रही है, लेकिन बंगाल ने कभी भी किसी से हिंसा नहीं की। कोई भी मजहब आपस में बैर रखने को नहीं सिखाता है। हम सभी हिन्दी है और हिन्दुस्तां हमारा है। इस लिए बंगाल से हिंसा मत करो और न ही इसे डराओ।