कोलकाताPublished: Apr 23, 2019 03:38:56 pm
Jyoti Dubey
– मांगे पूरी ना होने से नाराज मालदह के वीरनगर गांव के 60 परिवारों ने लोकसभा चुनाव 2019 को बायकॉट करने का फैसला लिया है। ये 60 परिवार वे हैं जिन्होंने 2016 में नदी के बहाव में अपना आसियाना खो दिया था और अब तक एक स्कूल में किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।
मालदह के ग्रामीणों ने आखिर क्यों लिया मतदान नहीं करने का फैसला ?
कोलकाता. गंगा नदी के कटाव से मालदह जिले में ऐसे कई गांव है जो अपना अस्त्तिव खो चुके हैं। वहीं कई ऐसे गांव है जो हर बारिश में धीरे-धीरे पानी के बहाव में सिमटते जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है मालदह दक्षिण लोकसभा केंद्र का वीरनगर 1 नम्बर ग्राम पंचायत। यहां गत 2016 में बारिश के दौरान नदियों में आए बाढ़ से लगभग 100 घर बह गए, जिसकी वजह से 400 लोगों को बेघर होना पड़ा था। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए इलाके के ही एक बालिका विद्यालय में शरण ली थी। घटना के 3 साल बीत जाने के बाद आज भी बेघर हुए 60 परिवार उसी विद्यालय में किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। जबकि कुछ लोगों ने दूसरे गांवों में शरण ले ली है या वहीं नदियों के किनारे फिर से कच्चा मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया है। अगले बारिश में उनका क्या होगा ये उन्हें नहीं पता है। बाढ़ में घरों के छतिग्रस्त होने के बाद पिछले 3 वर्षों से वीरनगर बालिका विद्यालय में रह रहे 45 वर्षीय फारुक मंडल ने बताया कि बाढ़ के बाद जिला प्रशासन व राज्य सरकार की ओर से कई आश्वासन मिला था। हमें आश्वश्त किया गया था कि कुछ महीनों के अंदर ही हमें पूर्नवासन मिल जाएगा। मगर 3 साल बीत जाने के बाद भी कोई हमारा हाल भी जानने नहीं आया है। ऐसे में जब सरकार को हमारी फिक्र नहीं है तो हमनें भी सरकार की फिक्र न करने का निश्चय किया है। उक्त विद्यालय में रहने वाले सभी 60 परिवारों ने मतदान नहीं करने का फैसला किया है। उनके अनुसार जब सरकार उनके परेशानियों का हल ही नहीं करेगी तो वोट डालकर क्या फायदा है। उल्लेखनीय है कि तीसरे चरण के मतदान के दौरान मंगलवार को मालदह दक्षिण-उत्तर सहित राज्य के 5 संसदीय क्षेत्रों में 61 उम्मीदवारों के राजनैतिक भविष्य का फैसला होने वाला है।