उम्र के आठवें दशक में पहुंच चुकी कृष्णा बोस ने प्रधानमंत्री मोदी को भी अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मोदी जी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य सरकारें भी चुनी हुई होती हैं और उनके पास भी पावर होता है।
कृष्णा बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्रवधु है। वे जादवपुर से तीन बार तृणमूल कांग्रेस की सांसद रही और इसी चुनाव क्षेत्र से उनके पुत्र प्रो. सुगतो बोस तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव लडऩे से मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि वे देश के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का सम्मान करती हैं। वे मोदी का सम्मान इस लिए नहीं करती कि वे एक ऐसी पार्टी के मुखिया, जिसके विचार से वे सहमति नहीं रखती। इशारे ही इशारों में उन्होंने ममता बनर्जी को स्पीड ब्रेकर दीदी और एक्सपायरी प्राइम मिनिस्टर वाली टिप्पणी को अनावश्यक करार दिया।
उन्होंने कहा कि वे ऐसी टिप्पणियों को चुनाव प्रचार अभियान के एक भाषण के हिस्से के तौर पर नहीं देखती हैं कि कौन स्पीड ब्रेकर है और कौन अब प्रधानमंत्री नहीं है। यह उससे भी कहीं अधिक गंभीर बात है। लेकिन वे नहीं समझती कि दोनों ओर से इस तरह के बयान दिए जाने चाहिये थे। नेता अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रखेंगे और अगर ऐसे बयानों का सिलसिला नहीं थमा तो संघीय सरकार उचित तरीके से काम नहीं कर पायेगी।