scriptक्यों पूर्व तृणमूल सांसद ने ममता को दी मोदी को सम्मान करने की नसीहत | Why former Trinamool MP has given preach to Mamta to honor Modi? | Patrika News

क्यों पूर्व तृणमूल सांसद ने ममता को दी मोदी को सम्मान करने की नसीहत

locationकोलकाताPublished: May 17, 2019 10:41:29 pm

Submitted by:

Manoj Singh

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्रवधु ने क्यों प्रधानमंत्री से संयम बरतने को कहा

Kolkata West Bengal

क्यों पूर्व तृणमूल सांसद ने ममता को दी मोदी को सम्मान करने की नसीहत

 

कोलकाता

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच छिड़ी जुबानी जंग और एक दूसरे खिलाफ कड़वाहट उगलने के बीच पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद कृष्णा बसु ने ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद का सम्मान करने की नसीहत दी हैं। उन्होंने पीएम मोदी को भी संयम बरतने की सलाह दी है।
कृष्णा बोस ने कहा कि हमारा किसी भी राजनीतिक पार्टी से वैचारिक मतभेदों हो सकता है। हम भाजपा की विचारधारा से असहमत हो सकते हैं, लेकिन उसके नेता नरेंद्र मोदी देश के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं, इसलिए हमें उनके प्रति सम्मान रखना होगा।

उम्र के आठवें दशक में पहुंच चुकी कृष्णा बोस ने प्रधानमंत्री मोदी को भी अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मोदी जी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य सरकारें भी चुनी हुई होती हैं और उनके पास भी पावर होता है।

कृष्णा बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्रवधु है। वे जादवपुर से तीन बार तृणमूल कांग्रेस की सांसद रही और इसी चुनाव क्षेत्र से उनके पुत्र प्रो. सुगतो बोस तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव लडऩे से मना कर दिया।

उन्होंने कहा कि वे देश के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का सम्मान करती हैं। वे मोदी का सम्मान इस लिए नहीं करती कि वे एक ऐसी पार्टी के मुखिया, जिसके विचार से वे सहमति नहीं रखती। इशारे ही इशारों में उन्होंने ममता बनर्जी को स्पीड ब्रेकर दीदी और एक्सपायरी प्राइम मिनिस्टर वाली टिप्पणी को अनावश्यक करार दिया।

उन्होंने कहा कि वे ऐसी टिप्पणियों को चुनाव प्रचार अभियान के एक भाषण के हिस्से के तौर पर नहीं देखती हैं कि कौन स्पीड ब्रेकर है और कौन अब प्रधानमंत्री नहीं है। यह उससे भी कहीं अधिक गंभीर बात है। लेकिन वे नहीं समझती कि दोनों ओर से इस तरह के बयान दिए जाने चाहिये थे। नेता अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रखेंगे और अगर ऐसे बयानों का सिलसिला नहीं थमा तो संघीय सरकार उचित तरीके से काम नहीं कर पायेगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो