कोलकाता
मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपना पूरा ध्यान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ और लोगों को उनका खौफ दिखाने पर केन्द्रित कर दिया है। लोकसभा चुनाव प्रचार में धर्मनिर्पेक्षता, बेरोजगारी और एनआरसी के मुद्दों का तडक़ा के साथ साथ अपनी सरकार के विकास कार्यों और योजनाओं के प्रचार को पीछे कर ममता बनर्जी चेतावनी भरे लहजे में मतदाताओं को डरा कर वोट मांग रही हैं और बंगाल में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलने और केन्द्र में क्षेत्रीय दलों की सरकार बनने का दावा कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत वार करते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के गढ़ मुर्शिदाबाद जिले स्थित बहरमपुर लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को आयोजित चुनावी जनसभा में ममता ने कहा कि वोट विभाजन मत होने दीजिए। केन्द्र से भाजपा को भगाने के लिए आप लोग सिर्फ तृणमूल कांग्रेस को वोट दीजिए, नहीं तो बंगाल में कोई भी नहीं रह पाएगा। अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा लोकसभा सीटें जीतती है और केन्द्र में दोबारा मोदी की सरकार बनेगी तो बंगाल में कोई भी नहीं रह पाएगा। जैसे असम से 40 लाख बंगालियों, मुसलमानों, कुछ बिहारियों और नेपालियों को भगाया है वैसे ही भाजपा बंगाल में भी एनआरसी लागू कर सबसे भारतीय नागरिकता संबंधित 60 से 70 साल पुराने दस्तावेज मांगेगी और नहीं देने पर सबकी नागरिकता छीन कर यहां से भगा देगी। मोदी सरकार ऐसी नीतियां लाएगी कि आने वाले दिनों में भारत में गरीब किसान और मजदूर नही रह पाएंगे और न ही और छोटे व्यवसायी रह पाएंगे। इस लिए आप लोग तृणमूल कांग्रेस को वोट दें।
कांग्रेस पर भाजपा के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आप लोग कांग्रेस को वोट दे कर भाजपा विरोधी वोट का विभाजन मत कीजिए। कांग्रेस भाजपा से लड़ाई नहीं कर सकती है। वह भाजपा के सामने भीगी बिल्ली की तरह पेश आ रही है। एक मात्र तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। यहीं वजह है कि ताक-झांक करने के लिए भाजपा नेता बार-बार बंगाल आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी 42 लोकसभा सीटों पर तृणमूल को जीत दिलाएं फिर हम दिखा देंगे कि दिल्ली की सत्ता पर कैसे काबिज हुआ जाता है। क्षेत्रीय दलों के साथ मिल कर हम दिल्ली में सरकार बना कर दिखाएंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूख अब्दुल्ला, मायावती और डीएमके के साथ ही आंध्र प्रदेश, तेलांगना, और अन्य राज्यों के क्षेत्रीय दलों के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलांगना, तमिलनाडु, केरल और उत्तर प्रदेश में भाजपा को निराशा हाथ लगेगी और बंगाल में उसे रसगुल्ला अथार्त शून्य सीट मिलेगी।