Yes Bank case: यस बैंक प्रकरण से क्यों चिंतित हैं एलआइसी के ग्राहक
भारतीय बैंकों के डूबते कर्जों की खत्म नहीं होती दिख रही कहानियों में यस बैंक की कथा भी जुड़ गई है। लेकिन यस बैंक के इस प्रकरण से देश में भरोसे का प्रतीक बनी एलआईसी के लाखों ग्राहक अपने वित्तीय हित को लेकर आशंकित क्यों हैं। क्या एलआईसी को हजारों करोड़ का चुना लगने वाला है।

क्यों विशेषज्ञ कर रहे हैं देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी पर कोई प्रभाव नहीं पडऩे का दावा
कोलकाता
भारतीय बैंकों के डूबते कर्जों की खत्म नहीं होती दिख रही कहानियों में यस बैंक की कथा भी जुड़ गई है। यस बैंक की इस घटना से देश में भरोसे का प्रतीक बनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के लाखों ग्राहक अपने वित्तीय हित को ले कर आशंकित है। उनके चिंतित होने का कारण क्या है।
दरअसल एलआईसी के ग्राहकों की चिंता का कारण एलआइसी की ओर से वित्तीय संकट से गुजर रही हाउसिंह रिलायंस कैपिटल, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, पीरामल कैपिटल के साथ ही यस बैंक में करोड़ों रुपए निवेश किया जाना है। एलआइसी ने यस बैंक में 8051 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
यस बैंक के अलावा उक्त दूसरी कंपनियां भी वित्तीय संकट से गुजर रही हैं। ग्राहक यस बैंक में एलआईसी की उक्त धनराशि के डूबने और उनके वित्तीय हित पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की आशंका में हैं। उत्तर 24 परगना जिले के सोदपुर स्थित एलआइसी की शाखा के एजेंट और ग्राहक शरण कुमार साव इस बात से चिंतित हैं कि यस बैंक के दिवालिया होने पर एलआइसी के निवेश की गई रकम डूबेगी तो इसका ग्राहकों के वित्तीय हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
जिले के श्यामनगर निवासी दीपक पासवान भी यस बैंक प्रकरण के बाद एलआइसी के ग्राहकों के पैसे डूबने की चिंता जता रहे हैं। यह घटना वित्त वर्ष के अंतिम महीने में उस समय हुई है, जब उन पर बीमा की नई पॉलिसी बेचने के निर्धारित कोर्टा पूरा करने का दबाव रहता है। यस बैंक में एलआइसी की बड़ी रकम फंसने की खबर के कारण लोग उसके बीमा प्रोडक्ट खरीदने से कतरा रहे हैं।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ
वित्त मामलों के विशेषज्ञ यस बैंक की घटना से एलआइसी को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होने का दावा कर रहे हैं। कोलकाता की रेटिंग एजेंसी विशलिस्ट कैपिटल एडवाइजरी के निर्देशक निलांजन डे बताते हैं कि यस बैंक में एलआइसी ने यूनिट लिंक के तहत निवेश किया है, जो सुरक्षित है। एलआइसी के पास काफी पैसे हैं वह यस बैंक में अपने पैसे फंसने के कारण अपने ग्राहकों के निवेश भुगतान में विलंब नहीं होने देगी।

जिले के श्यामनगर निवासी दीपक पासवान भी यस बैंक प्रकरण के बाद एलआइसी के ग्राहकों के पैसे डूबने की चिंता जता रहे हैं। यह घटना वित्त वर्ष के अंतिम महीने में उस समय हुई है, जब उन पर बीमा की नई पॉलिसी बेचने के निर्धारित कोर्टा पूरा करने का दबाव रहता है। यस बैंक में एलआइसी की बड़ी रकम फंसने की खबर के कारण लोग उसके बीमा प्रोडक्ट खरीदने से कतरा रहे हैं।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ
वित्त मामलों के विशेषज्ञ यस बैंक की घटना से एलआइसी को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होने का दावा कर रहे हैं। कोलकाता की रेटिंग एजेंसी विशलिस्ट कैपिटल एडवाइजरी के निर्देशक निलांजन डे बताते हैं कि यस बैंक में एलआइसी ने यूनिट लिंक के तहत निवेश किया है, जो सुरक्षित है। एलआइसी के पास काफी पैसे हैं वह यस बैंक में अपने पैसे फंसने के कारण अपने ग्राहकों के निवेश भुगतान में विलंब नहीं होने देगी।
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