वित्त मंत्री अमित मित्रा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वर्ष 2020 के फरवरी और मार्च महीने में केन्द्र की ओर से राज्य को मिलने वाले जीएसटी को ले कर गंभीर चिन्तित हैं। उक्त दोनों महीने में बंगाल को 11000 करोड़ रुपए मिलने है। लेकिन केन्द्र सरकार राज्य को उक्त धनराशि का भुगतान नहीं करेगा । इसका मूल कारण इन दो महीने में जीएसटी संग्रह करने के निर्धािरत लक्ष्य से केन्द्र सरकार काफी पीछे हैं।
मित्रा के अनुसार केन्द्र ने दोनों महीने में 21 प्रतिशत जीएसटी संग्रह करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन अभी वास्तविक आंकड़ा 1.5 प्रतिशत पर मंडरा रहा है। अमित मित्रा ने कहा कि जब बंगाल आर्थिक संकट से गुजर रहा है और राज्य सरकार एक वैकल्पिक योजना पर काम किया जा रहा है तभी केंद्र सरकार ने उपकर (सेस) और अधिभार (सरचार्ज) बढ़ा दी है, जिसका हिस्सा राज्य सरकार को नहीं मिलता है।
वित्त मंत्री मित्रा ने कहा कि राज्यों को लागातार राज्य निचोड़ हो रहे हैं। उपकर को लगातार बढ़ाया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में छह प्रतिशत सेस था और अब यह बढ़ कर 18 प्रतिशत हो गया है। यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। यह एक प्रतिमान बदलाव है और देश में संघवाद को चुनौती दी जा रही है।
देश भर में बढ़ा जीएसटी धोखाधड़ी केन्द्र की मोदी सरकार पर तीखा वार करते हुए अमित मित्रा ने कहा कि बिना किसी बेटा टेस्टिंग के हड़बड़ी में जीएसटी लागू किया गया। इसकी संरचना में अभी भी बहुत सी भूल-त्रूटि है, जिसके कारण देश भर में कर की धोखाधड़ी और संदिग्ध लेने-देन बढ़ गया है। इस कारण कम जीएसटी संग्रह होता है। जीएसटी धोखाधड़ी करने के लिए लोग फर्जी कंपनियां बना रहे हैं।