मोदी का यह बयान सोलह आना सच है। ममता बनर्जी ने बुधवार को स्वयं इसकी पुष्टि की। उन्होंने परोक्ष रूप में स्वीकार किया कि वे हर साल मोदी को कुर्ता और मिठाई भेजती हैं। लेकिन, साथ ही यह भी कहा कि कुर्ते और मिठाई देती हूं, किन्तु एक भी सीट नहीं दूंगी।
अब यह तो साफ हो गया है कि मोदी ने सच कहा है, लेकिन चुनावी मौसम में मोदी ने इसका खुलासा क्यों किया? राजनीति के जानकार मोदी के इस बायन के राज पर गहन मंथन कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है चुनावी मौसम में मोदी जैसे दिग्गज राजनीतिज्ञ यूं ही यह बयान नहीं दे सकते। उनका मानना है कि इस बयान के पीछे कोई बड़ा राज है। कुछ राजनीतिक पंडित मोदी के इस बयान को ममता बनर्जी को चुनाव में पटखनी देने की बड़ी चाल बता रहे हैं। उक्त बयान के साथ मोदी का यह तकीद किया जाना कि हो सकता है इससे उन्हें राजनीतिक नुकसान हो, राजनीति के जानकारों को और अचरज में डाल दिया है।
अब यह तो साफ हो गया है कि मोदी ने सच कहा है, लेकिन चुनावी मौसम में मोदी ने इसका खुलासा क्यों किया? राजनीति के जानकार मोदी के इस बायन के राज पर गहन मंथन कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है चुनावी मौसम में मोदी जैसे दिग्गज राजनीतिज्ञ यूं ही यह बयान नहीं दे सकते। उनका मानना है कि इस बयान के पीछे कोई बड़ा राज है। कुछ राजनीतिक पंडित मोदी के इस बयान को ममता बनर्जी को चुनाव में पटखनी देने की बड़ी चाल बता रहे हैं। उक्त बयान के साथ मोदी का यह तकीद किया जाना कि हो सकता है इससे उन्हें राजनीतिक नुकसान हो, राजनीति के जानकारों को और अचरज में डाल दिया है।
अलग-अलग राजनीतिक जानकार मोदी के इस बयान के पीछे छुपे राज की व्याख्या अलग-अलग ढंग से कर रहे हैं। कुछ का मानना है कि इस चुनाव में भाजपा की स्थिति वर्ष 2014 के चुनाव जैसी नहीं है। उत्तर प्रदेश में सपा , बसपा और राष्ट्रीय लोकदल का गंठबंधन, बिहार में कांग्रेस, आरजेडी, हम, वीआईपी, आरएलएसपी, भाकपा (माले) का गठबंधन, झारखंड में में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, झारखंड विकास मोर्चा का गठबंधन दिल्ली की सत्ता पर दखल की राह में रोड़ा की तरह दिख रहे हैं। ऐसे में मोदी ने ममता के संबंध में उक्त बयान जारी कर रिश्ते में आई खटास को कम करने का प्रयास किया है। ताकि मैजिक फिगर नहीं आने की स्थिति में मदद ली जा सके।
इधर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी चुनावी सभाओं में मोदी की बुराई कर लोगों से वोट मांग रही है। मोदी ने यह बयान जारी कर ममता को झूठा साबित करने का प्रयास किया है। मोदी ने यह बयान जारी कर पश्चिम बंगाल की जनता को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि ममता बनर्जी उनके खिलाफ झूठा प्रचार कर रही हैं। वास्तव में ममता बनर्जी उनसे अच्छे रिश्ते रखती हैं।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं। तीन चरणों के तहत 10 सीटों पर चुनाव हो चुका है। 32 सीटों पर मतदान अभी बाकी है। भाजपा ने यहां से अधिक से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
इधर इसबीच मोदी के इस बयान के बाद बंगाल में राजनीति गरमा गई है। माकपा और कांग्रेस ने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। माकपा नेता सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि हम पहले से ही मोदी और ममता के बीच करीबी संबंध की बात कहते आ रहे थे। अब स्वयं दोनों लोगों ने स्वीकार लिया है। चुनावी सभाओं में मोदी की बुराई कर ममता बनर्जी बंगाल की जनता को छल रही हैं।