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Loksabha election 2019 : क्यों अंतिम चरण के चुनाव से पहले ममता के गढ़ में बढ़ी हिंसा

locationकोलकाताPublished: May 18, 2019 07:28:01 pm

Submitted by:

Manoj Singh

भाजपा दे रही है ममता बनर्जी की पार्टी को चुनौती

Kolkata West Bangal

Loksabha election 2019 : क्यों अंतिम चरण के चुनाव से पहले ममता के गढ़ में बढ़ी हिंसा

कोलकाता
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में देश के 59 लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होने जा रहा है, लेकिन इसमें से पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा क्षेत्रों में वोटों के लिए राजनीतिक पार्टियों में प्रतिस्पर्धा चरम पर पहुंच गई है। इसका मूल कारण करीब पिछले डेढ़ दशक से तृणमूल कांग्रेस का गढ़ बने उक्त 9 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा से कड़ी चुनौती मिलना है।

तृणमूल कांग्रेस के अपने गढ़ को बचाने और भाजपा की नई जमीन पाने की कोशिश के क्रम में दोनों पार्टियों के बीच छिड़ी जुबानी जंग देखते ही देखते हिंसा में बदल गई है।

राजनीतिक लड़ाई इतनी चरम पर पहुंच गई है कि मंगलवार को कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में हिंसा होने के बाद भय और नफरत का वातावरण होने और मतदान वाले क्षेत्रों में में भय का माहौल होने का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार अवधि समाप्त कर दिया और राज्य के गृह सचिव अत्रिय भट्टाचार्य और एडीजी सीआईडी राजीव कुमार के हटा दिया।

इसके बावजूद राज्य में राजनीतिक हिंसा जारी है। बंगाल में चुनावी हिंसा 17 वीं लोकसभा चुनाव की शुरूआत से हो रही है, लेकिन जैसे- जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के दूसरे नेताओं का चुनाव प्रचार तेज होने के साथ फिजा में भगवा रंग छाते दिखा वैसे ही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भाजपा पर हमलावर होती गईं।

उन्होंने भाजपा, अमित शाह और पीएम मोदी के प्रति कड़वाहत उगलना शुरू की तो दोनों पक्षों के बीच जुबानी जंग तेज होने के साथ ही मतदान के दिन हिंसा भी बढऩे लगी और अंतिम चरण के मतदान आते ही यह तूल पकड़ लिया। अंतिम चरण में बंगाल के दमदम, बारासात, बसीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर सीटों पर मतदान होने वाला है।

इनमें से कोलकाता उत्तर पर लागातार 20 साल से तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है और कोलकाता दक्षिण और जादवपुर तो खुद ममता बनर्जी का गढ़ रहा है। 31 अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के लहर में ममता बनर्जी जादवपुर से माकपा के कद्दावर नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को हरा कर अपनी संसदीय राजनीति की शुरूआत की थी।

उसके बाद से 2011 में मुख्यमंत्री बनने के पहले तक वे कोलकाता दक्षिण से लागातार छह बार सांसद रहीं। डायमंड हार्बर से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी चुनावी समर में हैं।

नौ सीटों पर भाजपा का व्यापक अवसर

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उक्त 9 लोकसभा क्षेत्रों में से दो पर भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। ऐसे में कोलकाता उत्तर और कोलकाता दक्षिण लोकसभा सीट पर भाजपा की बढ़त सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस के लिए अपना गढ़ खोनी शंका बढ़ गई है।

पिछले लोकसभा चुनाव में कोलकाता दक्षिण में तृणमूल कांग्रेस को 20.24त्न वोटों का नुकसान उठाना पड़ा था, जबकि भाजपा के वोट में 21.33 फीसदी के इजाफे के साथ 25.28 प्रतिशत वोट मिले थे।

इसी तरह उत्तर कोलकाता लोकसभा सीट पर भी तृणमूल का वोट प्रतिशत घटकर 35.94 प्रतिशत पर आ गया, जबकि भाजपा को 25.88त्न वोट मिले थे। दमदम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के तपन सिकदर दो बार सांसद चुने गए थे और वे अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे। सके अलावा नागरिक बिल, गोतस्करी और अवैध घुसपैठ के मुद्दे उठा कर भाजपा बांग्लादेश सीमा से सटे मुस्लिम बहुल बसीरहाट क्षेत्र में अपनी जीत की उम्मीद लगाई है।

पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद प्रो. प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी राजनीतिक इतनी कमजोर होती जा रही है कि वे हिंसा और स्तरहीन राजनीति पर उतर आई हैं। वे जिस तरह की राजनीति कर रही वो बंगाल में चलने वाला नहीं है। क्या ममता बनर्जी नहीं जानती कि ईश्वर विद्यासागर की मूर्ति किसने तोड़ा है। लेकिन वे और उनकी पुलिस इसका खुलासा नहीं करेगी, क्योंकि विद्यासागर की मूर्ति तोडऩे के पीछे राजनीतिक साजिश है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ३३ लोकसभा सीटों पर ८० प्रतिशत मतदान बंगाल में परिवर्तन का संकेत है। ममता बनर्जी को अपनी हार का पता चल गया है। उन्हें पता चल गया है कि जिले के साथ ही वे कोलकाता की सीटे भी हार रही हैं और यहां से हारी तो उनकी पार्टी टूट जाएगी। इस लिए उन्होंने लोगों को मतदान करने से रोकने के लिए हिंसा फैलाना शुरू कर दिया है।

माकपा सांसद और प्रवक्ता मोहम्मद सलीम ने कहा कि देश में भाजपा हार रही है और बंगाल के लोग ममता बनर्जी से इतना नाराज है है कि वे ममता हटाओं अभियान छेड़ दिया है। इस लिए भाजपा और ममता बनर्जी मिल कर वाम मोर्चा को मिटाने के लिए हिंसा की राजनीति कर रही हैं।


संसदीय क्षेत्र – तृणमूल–भाजपा— वाम मोर्चा
कोलकाता —-35.94— 25.88—-20.05
उत्तर
कोलकाता—–36.9—- 25.28—-23.83
दक्षिण
दमदम——-42.67—- 22.50— 28.99
बारासात——41.39—-23.37—-27.75

बशीरहाट—– 38.65—-18.36—-30.04
जयनगर—– 41.71—–9.54——32.58
मथुरापुर——49.58—-5.21——38.67
डायमंड हार्बर–40.31— 15.92—–34.66
जादवपुुर —–45.92—-12.22—–36.08

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