देर से आती है दीदी को समझ
दिलीप घोष ने कहा था कि ममता दीदी को सब कुछ देर से समझ में आती है। जब भाजपा कार्याकर्ता लॉकडाउन और चक्रवात अम्फान की तबाही से तबाह लोगों के घर-घर जाकर चावल दाल पहुंचा रहे थे और लोगों की सेवा कर रहे थे तब तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता का कोई अतापता नहीं था। अब लोगों की सेवा के लिए तृणमूल कांग्रेस वॉलिंटियर खोज रही है। जब पहले भाजपा ने आभासी रैली करना शुरू की तो ममता दीदी हंस रहीं थी और करोड़ों-करोड़ो रुपए खर्च कर आभासी रैली करने का आरोप लगा रही थी। अब तृणमूल कांग्रेस खुद आभासी सभाएं कर रही है। वास्तव में भाजपा को देखकर तृणमूल कांग्रेस सीख रही है।