जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की गोलबंदी में कांग्रेस को शामिल करने की वकालत की और कहा कि कांग्रेस के बिना मोदी को हराने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश नाकाम हो सकती है। उन्होंने भाजपा विरोधी विपक्षी दलों को गोलबंद करने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नीत संप्रग की चेयरपर्सन सोनिया गांधी की भूमिका की प्रशंसा भी की।
अपने कोलकाता दौरे के दूसरे दिन दिल्ली रवाना होने से पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट हो कर लडऩे के लिए सभी विपक्षी दलों को गोलबंद करने की कोशिश की जा रही है। हम बातचीत कर रहे हैं कि कैसे सभी क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाया जा सकता है। लेकिन भाजपा के खिलाफ लडऩे के लिए कांग्रेस का साथ भी जरूरी है। जब तक कांग्रेस हमारी सोच के अनुरूप भाजपा के खिलाफ लडऩे के लिए राजी नहीं होती है तब तक विपक्षी दलों के महागठबंधन की कोई संभावना नहीं है। कांग्रेस के बिना भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशें कामयाब नहीं हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी सभी दलों को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही हैं। विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए विशेष तौर से सोनिया गांधी ने कई कदम उठाए हैं। सोनिया गांधी ने इस संबंध में उनसे भी बातचीत की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी भी भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं। हमें पूरा विश्वास है कि विपक्ष की एकता बड़ा रूप धारण करेगी। उमर अब्दुल्ला का यह बयान कोलकाता के ट्वीन सिटी हावड़ा स्थित राज्य सचिवालय नवान्न में ममता बनर्जी से मुलाकात करने के दूसरे दिन आया है।
अपने कोलकाता दौरे के दूसरे दिन दिल्ली रवाना होने से पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट हो कर लडऩे के लिए सभी विपक्षी दलों को गोलबंद करने की कोशिश की जा रही है। हम बातचीत कर रहे हैं कि कैसे सभी क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाया जा सकता है। लेकिन भाजपा के खिलाफ लडऩे के लिए कांग्रेस का साथ भी जरूरी है। जब तक कांग्रेस हमारी सोच के अनुरूप भाजपा के खिलाफ लडऩे के लिए राजी नहीं होती है तब तक विपक्षी दलों के महागठबंधन की कोई संभावना नहीं है। कांग्रेस के बिना भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशें कामयाब नहीं हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी सभी दलों को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही हैं। विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए विशेष तौर से सोनिया गांधी ने कई कदम उठाए हैं। सोनिया गांधी ने इस संबंध में उनसे भी बातचीत की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी भी भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं। हमें पूरा विश्वास है कि विपक्ष की एकता बड़ा रूप धारण करेगी। उमर अब्दुल्ला का यह बयान कोलकाता के ट्वीन सिटी हावड़ा स्थित राज्य सचिवालय नवान्न में ममता बनर्जी से मुलाकात करने के दूसरे दिन आया है।
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१९४७ के समझौते का सम्मान होता तो घाटी में नहीं होते ऐसे हालात उमर अब्दुल्ला ने घाटी में हिंसक घटनाओं के पीछे शुक्रवार को बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि अगर 1947 के समझौते का सम्मान होता तो जम्मू कश्मीर में आज ऐसे हालात नहीं होते। उन्होंने कहा कि समझौते को नहीं मानने के कारण ही आज भी कश्मीर जल रहा है। भारी खून खराबा हो रहा है। हमारा पड़ोसी देश आसानी से हमारे जीवन को कठिन बना रहा है।
१९४७ के समझौते का सम्मान होता तो घाटी में नहीं होते ऐसे हालात उमर अब्दुल्ला ने घाटी में हिंसक घटनाओं के पीछे शुक्रवार को बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि अगर 1947 के समझौते का सम्मान होता तो जम्मू कश्मीर में आज ऐसे हालात नहीं होते। उन्होंने कहा कि समझौते को नहीं मानने के कारण ही आज भी कश्मीर जल रहा है। भारी खून खराबा हो रहा है। हमारा पड़ोसी देश आसानी से हमारे जीवन को कठिन बना रहा है।
— मजबूत राष्ट्र के लिए मजबूत राज्य जरूरी
एनडीए सरकार पर वार करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अभी देश उतना मजबूत नहीं है जितना कि मजबूत होना चाहिए था। देश की मौजूदा समस्या है राज्यों के कमजोर होना है। माओवादी और उग्रवादी समस्या के अलावा दूसरी समस्याओं से राज्य जूझ रहे हैं। इससे राज्य कमजोर पड़ते जा रहे हैं। एक मजबूत देश के लिए राज्यों का मजबूत होना जरूरी है। राज्यों की कीमत पर कोई देश कभी मजबूत नहीं हो सकता। यह कहां लिखा है कि एक मजबूत देश के लिए कमजोर राज्य होना चाहिए। देश तभी मजबूत होगा, जब राज्य भी मजबूत होंगे।
एनडीए सरकार पर वार करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अभी देश उतना मजबूत नहीं है जितना कि मजबूत होना चाहिए था। देश की मौजूदा समस्या है राज्यों के कमजोर होना है। माओवादी और उग्रवादी समस्या के अलावा दूसरी समस्याओं से राज्य जूझ रहे हैं। इससे राज्य कमजोर पड़ते जा रहे हैं। एक मजबूत देश के लिए राज्यों का मजबूत होना जरूरी है। राज्यों की कीमत पर कोई देश कभी मजबूत नहीं हो सकता। यह कहां लिखा है कि एक मजबूत देश के लिए कमजोर राज्य होना चाहिए। देश तभी मजबूत होगा, जब राज्य भी मजबूत होंगे।