‘आज कहीं भी नारी सुरक्षित नहीं’
कोलकाताPublished: Oct 13, 2018 10:14:13 pm
मुनि कमलेश ने महावीर सदन में किया जाप समारोह को संबोधित
‘आज कहीं भी नारी सुरक्षित नहीं’
कोलकाता. आज कहीं भी नारी सुरक्षित नहीं है। पुरुष प्रधान मानसिकता से ग्रसित मानव आज भी नारी को दूर से नंबर का दर्जा देने में अपनी शान समझता है। शरीर की बाहरी रचना के आधार पर नारी में भेदभाव करना उसे हीन मानना साक्षात् देवी मां का अपमान करने के समान है। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने नवरात्र के तहत शनिवार को जाप समारोह को महावीर सदन में संबोधित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। मुनि ने कहा कि नारी को मात्र फ्रिज और टीवी की तरह उपभोग की वस्तु मानने वालों की कुंठित मानसिकता ने ही आज देश में मी-2 जैसी घटनाओं कि बाढ़ ला दी है। उन्होंने कहा कि यह तो महज एक नमूना है। बदनामी, लोकलाज और भय से १०० में २ घटनाएं भी सामने नहीं आती हैं। मुनि ने कहा कि ऐसी दुष्ट आत्माएं मानवता पर कलंक है। 2 साल की मासूम बच्चों को भी हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदे हैं और ऐसे पापियों के लिए नरक में भी जगह नहीं। विद्या मंदिर, स्कूल, धर्मस्थल, राजनीति, फिल्मी जगत, सर्विस अथवा यात्रा। महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को देख-सुनकर वे शर्मसार हो जाते हैं। जैन संत ने कहा कि विश्व को आध्यात्मिकता का पाठ पढ़ाने वाले देश में नारी को मानसिक यातना, देह शोषण, बलात्कार, दहेज जैसी घटनाओं का ग्राफ विश्व के मानचित्र पर आ रहा है। नास्तिक देशों को भी हमने पीछे छोड़ दिया। जहां लाखों संत मौजूद हैं ऐसे दुष्कर्मी धनबल और बाहुबल के सहारे धर्म की जाजम पर। उन्होंने कहा कि जब तक हम प्रत्येक नारी के स्वाभिमान की रक्षा का कठोर संकल्प नहीं लेंगे तबतक देवी मां हमारी भक्ति को स्वीकार नहीं करेगी। ऐसे दृश्यों को देख कर शायद मां की अंतरात्मा भी तड़प रही होगी। मुनि ने कहा कि पशुओं की तरह नारियों की मंडी लगाना सरेआम खरीद-फरोख्त आजादी का ढोल पीटने वालों के ऊपर करारा तमाचा है। घरों में नारी का सम्मान नहीं करना और बाहर में देवी की पूजा करना इससे बड़ा पाखंड और क्या हो सकता है? परिवार- रिश्ता में भी ममतामई नारी की लाज सुरक्षित नजर नहीं आ रही है। जहां नारी को पूजनीय माना जाता है वहीं देवताओं का निवास होता है। कौशल मुनि ने मंगलाचरण और घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।