ज्ञात हो कि विकासखण्ड कोण्डागांव अंतर्गत दो पिछड़े ग्राम पंचायतों में मयूरडोंगर एवं चारगांव को वृहत्तर कार्ययोजना के तहत शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत इन ग्रामों के वनाधिकार पट्टाधारी किसानों को कृषि, उद्यानिकी, क्रेडा, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की सभी योजनाओं से एक साथ लाभान्वित करते हुए विकास के नए मॉडल के रुप में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए तीन माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। इस संबंध में 24 दिसम्बर को अपर मुख्य सचिव आरपी मण्डल एवं सचिव ग्रामीण विकास पीसी मिश्रा द्वारा इन ग्रामों का दौरा करके स्थानीय ग्रामीण समुदाय से विस्तारपूर्वक चर्चा भी की गई थी।
कमजोर तबके के परिवारों को सुदृढ़ करने पर जोर
बुधवार को कलक्टर नीलकंठ टेकाम की अगुवाई में पूरा जिला प्रशासन सुबह ही ग्राम चारगांव पहुंचा। जहां ग्रामीणों के संग संबंधित विभाग के अधिकारियों ने योजनाओं को अमली जामा पहनाने विस्तारपूर्वक विचार विमर्श करने चर्चा का मुख्य बिन्दु इस तथ्य पर आधारित था कि ग्राम के कमजोर तबके के परिवारों को पूर्ण कव्हरेज सुनिश्चित करते हुए उनके आधारभूत ढांचे को किस प्रकार सुदृढ़ किया जाए। 168 एकड़ भूमि पर दिखेगा विकास
ज्ञात हो कि वृहत्तर कार्ययोजना के तहत ग्राम चारगांव के चयनित 27 कृषक परिवारों के 168 एकड़ भूमि में सिंचाई सुविधा का विस्तार कर तीन फसलीय कृषि भूमि विकसित की जायेगी और इनमें फसलों के साथ-साथ मुनगा, नारियल और आम जैसे उन्नत नस्ल के पेड़ लगाए जाएंगे।