इसके बाद बलराम ने यहां रहने वाले फूलसिंग मंडावी, सुखदेव, मालबती, गंगदई कर्रोम, सुखियारी बाई सहित अन्य पीडि़त परिवारों को बुला लिया। उन्होंने बताया कि वे इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। हालांकि, उन्होंने समझदारी दिखाते अपना वोटर आइडी व आधारकार्ड गांव को छोड़ते समय साथ रख लिया था। पीडि़तों ने बताया कि उन्होंने पुराने इलाके से कटकर नई जगह नाम जुड़ा है या नहीं, इसकी भी जानकारी नहीं है। हालांकि इन्ही परिवारों में कुछ ने बताया कि, उनका नाम यहां जुड गया है।
जो विकास लाएगा, हमारा वोट उसी को
पीडि़त परिवार के वयस्क लोगों ने बताया कि, वर्ष 2013 में उन्होंने नारायणपुर विधानसभा के प्रत्याशियों को वोट दिया था। इस बार वे कोण्डागांव विधानसभा में पहली बार अपना नेता चुनेंगे। इनकी माने तो जो माओवादियों का खात्मा कर माओवाद प्रभावित इलाकों में विकास लाएगा, ऐसी सरकार चुनने के लिए वो वोट करना चाहते हैं।
कोंडागांव के एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने बताया कि पीडि़त परिवारों के नाम जोडऩे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उन्हें जल्द ही वोटर आइडी कार्ड का वितरण कर दिया जाएगा।