जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय से लगे बड़ेकनेरा के लिमऊगुड़ा पारा के 13 वर्षीय हेमंत कश्यप और उसकी दादी को उल्टी-दस्त होने लगी। परिजनों ने इलाज के विश्वास नाम के एक झोलाछाप डाक्टर विश्वास को घर बुलाया ।
इलाज के नाम पर उसने पहले बुजुर्ग को दवा दिया और फिर बच्चे को ग्लूकोज के साथ इंजेक्शन लगाया और चला गया। दोपहर बाद दोनों की हालत खराब होने लगी। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही छात्र की मौत हो गयी जबकि बुजुर्ग महिला की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। घटना की सुचना के बाद से ही आरोपी मौके से फरार हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है की अगर सरकारी स्वास्थ्य सेवायें ( chhattisgarh health services ) बेहतर होती तो ऐसी दुर्घटना नहीं होती। नजदीकी पीएचसी या तो खुलती नहीं है या फिर डाक्टर नदारद रहते हैं। वहीं इस बारे में पीएचसी में पदस्थ डॉ. पीएन साहू का कहना है कि पीएचसी समय पर खुलती और बंद होती है।
रात में हास्पिटल (PHC) बंद रहता है, लेकिन यदि हमें काॅल आता है तो हम उपचार के लिए चले आते हैं। मृतक हेमंत के पिता जगदीश कश्यप ने कहा कि वे जल्द ही इस घटना की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज करवाएंगे।