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केशकाल के टाटामारी में दो पहाड़ियों को जोड़ेगा कांच का पुल, पर्यटन को बूम

locationकोंडागांवPublished: Jun 23, 2021 07:08:53 pm

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CG Desk

नई पहल : निर्माण को मिली सैद्धांतिक मंजूरी, डीपीआर बनाने के दिए निर्देश .

केशकाल के टाटामारी में दो पहाड़ियों को जोड़ेगा  कांच का पुल, पर्यटन को बूम

केशकाल के टाटामारी में दो पहाड़ियों को जोड़ेगा कांच का पुल, पर्यटन को बूम

कोंडागांव . नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध केशकाल क्षेत्र अब पर्यटन के नए आयाम स्थापित करेगा, इसके लिए प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है केशकाल से 2 किमी की दूरी पर लगे टाटामारी में प्रशासन दो पहाडिय़ों को जोड़कर एक कांच के पुल निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दी है इसके लिए एक कम्पनी को डीपीआर बनाने को कहा गया है जिससे यहां की सुंदरता को पर्यटक और करीब से देख सकेंगे। छत्तीसगढ़ में बनने वाला यह पहला कांच का पुल होगा।
कलेक्टर कोंडागांव के मुताबिक कांच का पुल स्टील के फ्रेम में बनाया जाएगा, कुछ डिजाइनो के सैम्पल लिए गए है उनमें उपयुक्त मॉडल का चयन किया गया है। प्रशासन ने राज्य के पर्यटन नक्शे में उकेरने के लिए टाटामारी में अतिरिक्त पर्यटन सुविधाएं जुटाई जा रही है। यहां पर्यटन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत 10 रिसोर्ट भी बनाए जाने का प्रस्ताव है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को टाटामारी में बनाये जा रहे रिसार्ट का वर्चुअल भूमिपूजन भी किया।
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पर्यटन से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
रायपुर से जगदलपुर को जाने वाले एनएच 30 पर बसे केशकाल से दो किमी की दूरी पर स्थित टाटामारी इको पर्यटन क्षेत्र अपने विहंगम प्राकृतिक दृश्यों एवं प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है। टाटामारी को जिला प्रशासन द्वारा इको पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर पर्यटकों के लिए बेहतरीन सुविधाओं के साथ रुकने के लिए रिसार्ट का निर्माण किया जा रहा है। इधर इस इलाके में पर्यटन की गतिविधि बढऩे से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
4 माह में डेढ़ लाख लोगों ने निहारा टाटामारी
पिछले 4 महीनों में 1.5 लाख से अधिक पर्यटक टाटामारी का भ्रमण करने आए। यह जानकारी सरकारी आंकड़े बता रहे हैं। टाटामारी इको पर्यटन क्षेत्र विकास योजना भविष्य में विकसित की जाने वाली जिले की समग्र पर्यटन विकास योजना का एक हिस्सा है।
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केशकाल क्षेत्र में हैं 20 से अधिक पर्यटन केंद्र
केशकाल क्षेत्र के 20 से अधिक प्राकृतिक झरनों, लिमदरहा मीड वे, टाटामारी, भोंगापाल मंदिर, गोबरहीन मंदिर, गढ़धनोरा के महापाषाण घेरे एवं अन्य पर्यटन केन्द्रों को मिलाकर पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है। इस सर्किट के तहत आने वाले पर्यटक जिले के पर्यटन केन्द्रों का एक साथ लुफ्त उठा सकेंगे। साथ ही यहां के ग्रामीणों को रोजगार के नये साधन भी उपलब्ध होंगे।
सर्वसुविधायुक्त 10 काटेज का होगा निर्माण
इसके तहत 10 कॉटेज बनाये जा रहे हैं। इनमें डायनिंग हॉल, केंटिन, इंफिनिटीव पुल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अतिरिक्त वहां के स्थानीय ग्रामीणों को टूर गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर उन्हें टाटामारी के जंगलों एवं पहाडिय़ों में पर्यटकों को घुमाने का कार्य दिया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम चरण पूर्ण कर लिया गया है। टाटामारी इको पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जंगल यात्रा, ट्रेकिंग, प्राकृतिक औषधि दर्शन करवाया जाएगा।
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