मिली जानकारी के मुताबिक हास्प्टिल भवन में अभी बिजली भी जुगाड़ से चलाई जा रही है। इसके चलते सुबह के समय ही जब पूरी लाइट व पंखे ऑन हुये सर्किट के पास चिंगारी निकलने लगी। जिसे देख पहले तो प्रबंधन घबरा गया, लेकिन इलेक्ट्रीशियन के आने के बाद प्रबंधन ने राहत की सांस ली और सभी व्यवस्था जमाने में लग गए।
हास्पिटल भवन बनकर तैयार हो तो गया पर यहां हास्पिटल के मुख्य दरवाजे तक पहुंचने के लिए सड़क से एप्रोच मार्ग तक नहीं बन पाया हैं। और इस बीच गडें में भरे रेत के चलते लोग यहां पहुंचने वाले लोग गिरते-हपटते हासिप्टल में एंट्री करना पड़ रहा है। हालांकि हास्पिटल प्रबंधन इन सब को सप्ताहभर में ठीक कर लेने की बात कह रहा है, लेकिन जिला हास्पिटल अपने नए भवन में शिफ्ट होने से अब प्रबंधन को जूहो व ड्रेनेज सिस्टम की समस्या से निजाद मिल सकेगी।
हास्पिटल प्रबंधन डीएनके परिसर स्थित अपने पुराने भवन से नए भवन तक लाने ले जाने के लिए अपने सभी एंबुलेंस को तैनात कर रखा है। हास्पिटल प्रबंधन के विभिन्न विभागों की फाइले, टेबल, कुर्सी, कम्प्यूटर सहित अन्य सामग्री सबकुछ इन्हीं एंबुलेंस के माध्याम से सप्लाई कर रहा हैं। इस संबंध में प्रबंधन का कहना है कि नए हास्पिटल भवन में शिफ्टिंग के बाद हो रही परेशानियों का जल्द ही समाधान किया जाएगा।