scriptSDM के लिखित आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ किसानों का काम, फूटा गुस्सा दूसरे दिन फिर किया National Highway 30 जाम | farmers blocked NH30 for Bardana didn't reach paddy procurement SDM | Patrika News

SDM के लिखित आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ किसानों का काम, फूटा गुस्सा दूसरे दिन फिर किया National Highway 30 जाम

locationकोंडागांवPublished: Feb 18, 2020 02:01:24 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

यह चक्काजाम जिले के धान उपार्जन केंद्रो में बारदाना की कमी और खरीदी के दौरान होने वाली समस्याओं से परेशान होकर किसानों ने चक्काजाम किया है।

SDM के लिखित आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ किसानों का काम, फूटा गुस्सा दूसरे दिन फिर किया National Highway 30 जाम

SDM के लिखित आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ किसानों का काम, फूटा गुस्सा दूसरे दिन फिर किया National Highway 30 जाम

कोण्डागांव/केशकाल. एसडीएम के लिखित आश्वासन के बाद कल किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन बंद कर नेशनल हाईवे की यातायात व्यवस्था को बहाल किया था। लेकिन एसडीएम के कहने के बावजूद बारदाना केंद्रो तक नहीं पहुचने से नाराज किसानों ने फिर से चक्काजाम किया है। यह धरना प्रदर्शन केशकाल के विश्रामपुरी चौंक में किया जा रहा है।

कल भी किया था नेशनल हाईवे बाधित
यह चक्काजाम जिले के धान उपार्जन केंद्रो में बारदाना की कमी और खरीदी के दौरान होने वाली समस्याओं से परेशान होकर किसानों ने कल सोमवार को भी किसान संघ के बैनर तले राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर आवाजाही बाधित करते हुए कोंडागांव के पिपरा में धरने पर बैठ गए थे। वहीं एसडीएम के लिखित आश्वासन के बाद ही किसानों ने धरना बंद किया और यातायात बहाल किया गया।

ये है किसानों की मांग
किसानों की मांग है कि, धान खरीदी केंद्रो में बारदाना उपलब्ध करवाया जाए साथ ही धान खरीदी की तिथि में बढ़ोत्तरी की जाए। जिससे किसान अपनी उपज को आसानी से समय रहते बेच सके। इस संबंध में पहले ही जिले के किसानों ने अव्यवस्थाओं को लेकर कई दफे उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी थी। लेकिन शासन-प्रशासन जैसे-तैसेकर जुगाड़ से धान उपर्जान केंद्रों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बारदाना उपलब्ध करवाता रहा, लेकिन ये भी एक से दो दिनों के अंतराल में ही खत्म हो जाते थे। जिससे किसानों में काफी रोष था। यहां तक कि किसानों ने अपने खर्चे पर जिला मुख्यालय पहुंच अपने-अपने धान उपार्जन केंद्रो के नाम स्वयं ही बारदाना भी ले जाते रहे। जिससे कि, उनकी धान की खरीदी तो हो जाए, लेकिन इस बार धान खरीदी केंद्रो में स्थिति काफी गड़बढ़ी हुई है।

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