शासन-प्रशासन का यह प्रयास तो सराहनीय था
राज्य परिषद सदस्य एवं जिला सचिव तिलक पाण्डे ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एक बडा खुलासा करने का प्रयास करते हुए कहा है कि, शासन-प्रशासन का यह प्रयास तो सराहनीय था कि बस्तर संभाग के पर्यटन स्थलों का दर्शन करने आने वाले पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं देने पर पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और राज्य के कोषालय में आय बढेगी जिसका उपयोग पर्यटन विभाग, पर्यटन स्थलों के विकास में लगाएगी। लेकिन पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित मोटल का उसके निर्माण से लेकर अब तक के इतिहास पर गौर करें तो साफ जाहिर हो जाएगा कि पर्यटन विभाग शुरु से ही अपने मूल मकसद से कोसों दुर रहा हैं।
सालों से केवल चल रहा निर्माण
तलक पांडे ने कहा है कि, जिले में बने मोटल से अब तक जितनी आय नहीं हो सकी हैं उससे कहीं अधिक की राशि पहले निर्माण के दौरान रु.1.5 करोड़ और कुछ वर्षों में ही बिना पर्यटन विभाग के अनुमति के जिला प्रशासन ने एनएमडीसी से विभिन्न जनहित कार्यों के लिए मिलने वाली एक बडी रकम लगभग रु.1.25 करोड में वर्ष 2016-17 में ही मरम्मत कराने का कार्य प्रारंभ किया गया था। जो वर्तमान में भी जारी हैं। ऐसे में अटल विकास यात्रा के नाम पर चुनाव प्रचार के लिए माकडी पहुंचे सीएम डॉ.रमन सिंह ने एक बार पुन: मोटल के जीर्णोद्धार के लिए रु.1.42 करोड की स्वीकृति देने की घोषणा करना साफ जाहिर करता है कि जिले में निर्मित मोटल पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नहीं बल्कि शासन-प्रशासन में बैठे चंद नेता अधिकारी एवं ठेकेदार को कमाई का जरिया देने बनाया जाना प्रतित होता हैं।
जांच नहीं तो भाकपा करेगी आंदोलन
कम्यूनिस्ट पार्टी के सचिव पांडे ने कहा है कि, इस भ्रष्ट्राचार की उच्चाधिकारियों से जांच नहीं कराई जाती हैं। तो भाकपा उग्र आंदोलन करने से भी पिछे नहीं हटेगी। और इसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई तो न्यायालय की शरण में जाकर जनहित याचिका लगाते हुए भ्रष्ट नेता, अधिकारी व ठेकेदारों पर कार्यवाही करवाने बाध्य होगी। ताकि अपनी कमाई का जरीया बनाकर आमजनों के कल्याण, विकास में खर्च किए जाने हेतु एनएमडीसी और जनता से वसुले जा रहे टेक्स से जमा हो रहे सार्वजनिक धन को अपने निजी स्वार्थ एवं विकास में लगाने वाले चंद लोगों को सबक मिले और सार्वजनिक धन का सदुपयोग किया जाकर गरीबजनों को ही लाभ मिल सके।