जवान बन रहे खेल प्रतिभाओ के जौहरी, बता रहे सफलता के टिप्स
जिला मुख्यालय के साथ ही माओवादियों का गढ़ माने जाने वाले गोलावंड, मर्दापाल, बयानार, रानापाल, मटवाल में ये जवान खेल प्रतिभआों को जौहरी की नजर से देखते हुए उनमें खेल का हीरा खोजने में लगे हैं। इनके द्वारा तीरंदाजी, फुटबाल, लांग जम्प, जूटो-कराटे सहित अन्य खेल का प्रशिक्षण दिया हैं। जिसमें रोजाना 300 से ज्यादा इलाके के युवा-युवतियां शामिल होकर अपनी खेल प्रतिभआों को निखारने में लगी हुई हैं। आईटीबीपी के हॉकी कोच सूर्या ने बताया कि इलाके में प्रतिभओं को कमी तो नहीं है, लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाने के चलते इन्हें अपनी प्रतिभा निखारने का मौका नहीं मिल पाया था। हमने तो केवल इन्हें मौका दिया हैं, बाकी पूरी इनकी मेहनत व खेल के प्रति लगन इलाके के युवाओं की हैं। इन खेल प्रतिभाओं को खेल के नियम समझाए जा रहे हैं।
अपनी प्रतिभा के बल पर नेशनल में भी धाक जमाने लगे है
आईटीबीपी 41 के कमांडेट सुरेंद्र खत्री ने बताया कि, हमारे जवानों ने केवल यहां की प्रतिभाओं को खेल खेलने के प्रति जागरूक कर उन्हें प्रशिक्षण दिया है। इनमें से कुछ युवा खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के बल पर नेशनल में भी धाक जमाने लगे हैं, जबकि अभी इनका प्रशिक्षण चल रहा है।
आईटीबीपी के जवानों के द्वारा युवाओं को
वरिष्ठ खेलाधिकारी अशोक उसेंड़ी ने बताया कि, आईटीबीपी के जवानों के द्वारा युवाओं को न केवल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि पूरी सुविधा के साथ कैम्प लगवाकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर खेल मंच प्रदान किया जा रहा हैं। इसका फायदा इलाके के खिलाडिय़ों को लगातार मिल रहा हैं।