scriptआधी रात चल रही थी मवेशियों की तस्करी, कंटेनर में भरकर ले जाने की थी तैयारी, उसी दौरान पहुंची. पुलिस और….. | midnight smuggling of cattle preparations in container, arrived Police | Patrika News

आधी रात चल रही थी मवेशियों की तस्करी, कंटेनर में भरकर ले जाने की थी तैयारी, उसी दौरान पहुंची. पुलिस और…..

locationकोंडागांवPublished: Mar 19, 2020 03:55:41 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

यह मामला प्रमुखता से सामने आ पाता, लेकिन दूसरे दिन होली पर्व होने के कारण ठंडे बस्ते में चला गया।

आधी रात चल रही थी मवेशियों की तस्करी, कंटेनर में भरकर ले जाने की थी तैयारी, उसी दौरान पहुंची. पुलिस और.....

आधी रात चल रही थी मवेशियों की तस्करी, कंटेनर में भरकर ले जाने की थी तैयारी, उसी दौरान पहुंची. पुलिस और…..

कोण्डागांव . जहॉ विश्वभर में कोरोना वायरस का कहर चल रहा है तो वही कोण्डागांव जिले के ग्राम मुलमुला में गौवंश तस्करी का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक यह यह मामला होली के ठीक एक दिन पहले ग्राम मुलमुला में रात के समय कर्नाटक नबंर प्लेट वाली एक कन्टेनर वाहन यहां पहुंचा था और इस वाहन में मवेशियों को डाला जा रहा था।

नाम न लिखे जाने की शर्त पर बताया
जब इसकी भनक कुछ लोगो लगी तो उन्होंने सीधे कोतवाली थाने को इसकी सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस भी समय रहते मौके पर पहुंची तब तक कन्टेनर से मवेशियों को वापस उतरा जा चुका था। कुछ ग्रामीणों ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर बताया कि, वाहन में तीन दर्जन से ज्यादा मवेशी भरे जा चुके थे।

शंका की सुई तस्करी की ओर ज्यादा इंगित कर रहा है
इसे वापस उतारा गया और देररात वाहन को रवाना कर दिया गया था। यह मामला प्रमुखता से सामने आ पाता, लेकिन दूसरे दिन होली पर्व होने के कारण ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन रात के वक्त कन्टेनर में मवेशियों को भरकर ले जाना समझ से परे है। कही ऐसा तो नहीं कि, कोण्डागांव जिले से भी मवेशियां सीधे कत्लखाने जा रहा हो, और जिम्मेदारों को इसकी भनक तक न हो। क्योकि जिले के ही कुछ लोगों को मवेशियों की तस्करी के मामले में जेल की हवा भी खानी पड़ चुकी है। इसलिए शंका की सुई तस्करी की ओर ज्यादा इंगित कर रहा है। खैर यह मामला जांच है कि मवेशियों को रात में बड़े से कन्टेनर में भरकर कहां और किसके इशारे पर ले जाया जा रहा था।

चारों ओर से पैक था कन्टेनर उपरी हिस्सों में थे कुछ छेद
जिस कन्टेनर में मवेशियों को ले जाने की तैयारी चल रही थी वह कन्टेनर चारो ओर से बंद था। उपरी हिस्से में कुछ जगहों पर गेप दिया गया। वही मवेशियों को बांधने के लिए वाहन में रस्सीयां पहले से ही बंधी हुई थी। जानकारो की माने तो कन्टेनर में मवेशियों का परिवहन किया जाना प्रंतिबंधित है, एक बार में पूरे दस्तावेजों के साथ आधा दर्जन से ज्यादा मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जाया जा सकता। इसमें भी एक निर्धारित दूरी के बाद मवेशियों को वाहन से उतारकर उन्हें चारा-पानी आदि खिलाना है। ज्ञात हो कि बजंरग दल व विश्व परिषद के कार्यकर्ता लगातार मवेशियों की तस्करी के मामले उठाते रहे है। वहीं कार्यकर्ताओं के द्वारा पहले कुछ तस्करों को पकडक़र थाने भी ला चुकी है।

मुझे इस विषय में अभी जानकारी नही हैं, कुछ दिनों पहले ही मैने यहॉ कार्यभार संभाला है, इस संबंध में अधिनस्थ कर्मचारियों से जानकारी लेता हूं।
ललन सिंह, उपसंचालक पशु

परिवहन के दस्तावेज पूर्ण होने के बाद भी बड़े पैमाने पर मवेशियों का परिवहन करना प्रतिबंधित है। इसे कन्टेनर से नही बल्कि, खुले वाहनों से एक निर्धारित दूरी तक ही ले जाया जा सकता है।
हरिसिंह सिदार, पूर्व पशु कल्याण अधि., छग गौसेवा आयोग


जिले से गौमाता की तस्करी हो रही है इसमें कोई संदेह नही है, तस्करी रोकने बनाए गए नियम कायदे भी तस्करों के सामने बैवने पड़ रहे है।
डॉ. आशुतोष पांडे, प्रदेश संयोजक रा.बजरंग दल

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