बालक/बालिका का विवाह तय कर हल्दी की रस्म कर रहे थे। दल द्वारा जाकर दस्तावेज जांच किया गया। जिसमें बालक कि आयु 18 वर्ष 05 माह है परन्तु परिजन से पुछताछ से भी बालक का उम्र कम बताया जा रहा था। बालिका लिलिमा (परिवर्तित नाम ) उम्र बालिका के कथनानुसार 18 वर्ष पूर्ण है। वर वधु के माता पिता को समझाईश कर पंचनामा तैयार किया गया। एवं बालक के परिजन एवं ग्रामीणों को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया गया, एवं पिता से शपथ पत्र लिया गया की जब तक बालक बालिग नही होता वह बाल विवाह नही करेगा।
बालक को बाल कल्याण समिति में पस्तुत करने का निर्देश दिया गया। इस बाल बिवाह को रोकने हेतु जिला बाल संरक्षण अधिकारी नरेन्द्र सोनी, संरक्षण अधिकरी जयदीप नाथ, पुलिस इकाई से उप निरिक्षक कष्णा साहू, जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष नरपति पटेल, सदस्य जयप्रकाश यादव, महेश्वर राठौर परामर्शदाता, माधुरी उसेण्डी, बरखा धर्मपाल एवं वेदप्रकाश महावीर उपस्थित थे।