विकास कार्य अब गांव गांव तक पहुच रहा है
जिला प्रशासन के प्रयसो से संवेदनशील क्षेत्रो में पहुच मार्ग बनाने पहाड़ो को तोड़ कर रास्ता बनाया जा रहा है पहली बार पहुच विहीन क्षेत्रो को मुख्य मार्ग में जोड़ा जा रहा है । जिला कलेक्टर नीलकंठ टेकाम जब से कोंडागांव कमान संभाले है तब से लेकर अबतक लगातार संवेदनशील क्षेत्र में विकास कार्यों को पूर्व जोर बढ़ावा देते हुए सरकार की प्रत्येक योजनो को गांव गांव तक पहुचने के साथ ही उन लोगो को उस योजना का पूरा पूरा लाभ भी दिलवा रहे हैं । छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य योजना ष्नरवाए घुरवाए गरुवा और बाड़ीष् जैसे योजना को क्रियान्वयन किया जा रहा है ।
मुख्य मार्ग से 20 किमी दूर में में है यहाँ गांव
कुछ वर्ष पूर्व ग्राम कुँए में जाने से लोग कतराते थे क्योंकि इस गांव में पहुचने के लिए आधा दर्जन नाला को पार करना पड़ता था लेकिन जब से जिला प्रशासन ऐसे क्षेत्रों में दशतक दिया है तब से लोगो मे डर भाग गया हैं और सभी नाला में पुलिपुलिया का निर्माण किया गया साथ ही लोगो को सरकार के योजनाओं का भी सीधा लाभ ग्रामीणों को मिलने लगा ।
बरसात के समय होता था सबसे ज्यादा परेशानी
कुमरी क्षेत्र के लोगो को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना बरसात के समय होता था क्योंकि राशन के समान तीन माह पहले ही इस गांव में भेज दिया जाता था और पूरा बरसात तक मुख्यमार्ग से लोगो का संपर्क टूट जाता था । लेकिन अब पुलिपुलिया बन जाने से ग्रामीणों को आसानी से सभी योजनाओं का लाभ मिल जाता है ।
ग्रामीणों के मांग पर बना अस्पताल
लगातार शिविर में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को बताया कि जब गांव के कोई ग्रामीण तबियत खराब होने पर उसे 20 किमी दूर केशकाल अस्पताल लाना पड़ता था कई बार रास्ते मे ही मौत हो जाता था इस लिए इस गांव में इस अस्पताल का मांग किया तब जिला कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उस गांव में अस्पताल बनाया ।
गांव के इन पहाड़ो को तोड़ा जा रहा हैं
शासन प्रशासन के प्रयासों ग्रामीण संवेदनशील क्षेत्र जहाँ पर लोग आजतक मुख्य मार्ग से नही जुड़ा था क्योंकि की इस गांव के चारो ओर पहाड़ से घिरे होने के कारण कोई भी मार्ग नही था जिससे अब जिला प्रशासन के प्रयासो से पहाड़ो को तोड़ा जा रहा । ग्राम पंचायत होनहेड से होते हुए ग्राम कुपागोंदी सेंदुरमेटा उमरादाह के पहाड़ी मोड़ो को तोड़ दिया गया और अभी भी मतेंगा के पहाड़ को काट जा रहा है यहाँ मार्ग सीधा मलाजकूडूम मार्ग से होते हुए कांकेर पहुचा जाएगा । इसी तरह ऊपरमुरवेंड से मुरनार जो ढेड़ किमी का पहाड़ को तोड़ा जा रहा है । जो जल्द ही मुख्य मार्ग से जुड़ जाएगा।