खरी-खोटी सुनाई और टीसी थमा देने की बात कहते
शुक्रवार की सुबह वह रोजाना की तरह स्कूल गई, लेकिन छात्रा की चोटी करने के स्टाइल से नाराज प्राचार्य व अन्य शिक्षिकाओं ने छात्रा को सभी छात्र-छात्राओं के सामने अलग से बुलाकर जमकर खरी-खोटी सुनाई और टीसी थमा देने की बात कहते परिजनों को बुलाकर लाने की बात कहते छात्रा को स्कूल से बाहर कर दिया गया। इससे क्षुब्द छात्रा रोते हुए घर पहुंची और किसी से बातचीत किए बिना ही रोती रही।
फ ांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली
इसी बीच जब उसकी बड़ी मां ने पूछा कि वह घटना को विस्तार से बयां की और शाम को जब घर पर कोई नहीं था तब छात्रा ने बाथरूम में फ ांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
परिजनों का आरोप प्राचार्य पर
परिजनों का आरोप है कि उनके बच्ची की मौत प्राचार्य के डांट की वजह से हुई हैं। छात्रा की बड़ी मां लक्ष्मी देवागंन ने बताया कि देवबती के माता-पिता बचपन में चल बसे थे। उसके बाद से वह अपने अन्य परिजनों के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी। और इसी साल वह मेरे साथ रहकर आगे की पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होने बताया कि, उनकी बेटी का एक कान सामान्य से थोड़ा छोटा था। जिसे वह छुपाने के लिए एक साइड करके चोटी किया करती थी। उसकी यह स्टाइल स्कूल प्रबंधन को रास
नहीं आई और उसे सबके सामने डांट दिया।
प्राचार्य का कहना है
संस्था की प्राचार्य ए केरकेट्टा कहती हैं कि रोजाना प्रार्थना के बाद सभी को अनुशासन का पाठ समझाया जाता है। इसी दौरान देवबती के साथ ही अन्य छात्राओं को भी उनके स्टाइल को लेकर समझाइश दी गई थी। वे कहती है कि, उन्हें छात्रा की इस विकृति के बारे में ज्ञात नहीं था, यदि ज्ञात होता तो वे छात्रा को नहीं टोकती।
सूचना के बाद मर्ग कायम कर जांच किया जा रहा है
कोतवाली प्रभारी हंसराज गौतम ने बताया कि, सूचना के बाद मर्ग कायम कर जांच किया जा रहा है, दो दिन अवकाश होने के चलते मृतिका के सहपाठियों व प्रबंधन का बयान नही लिया जा सका है।