scriptशासन प्राशासन ने नही सुनी ग्रामीणों की गुहार तो, लोगो ने खुद ही किया तालाब खुदाई का श्रीगणेश | The villager start making pond after refusing kondagaon administration | Patrika News

शासन प्राशासन ने नही सुनी ग्रामीणों की गुहार तो, लोगो ने खुद ही किया तालाब खुदाई का श्रीगणेश

locationकोंडागांवPublished: Jun 01, 2020 05:35:18 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

सालों से लगा रहे अर्जी पर हर बार किया गया नदरअंदाज, पानी की समस्या से निजात पाने ग्रामीण हुए एकमत।

शासन प्राशासन ने नही सुनी ग्रामीणों की गुहार तो, लोगो ने खुद ही किया तालाब खुदाई का श्रीगणेश

शासन प्राशासन ने नही सुनी ग्रामीणों की गुहार तो, लोगो ने खुद ही किया तालाब खुदाई का श्रीगणेश

कोण्डागांव- वर्षों के मांग के बाद भी जब शासन-प्रषासन में बैठे लोगों ने देवगांव के ग्रामीणों की एक न सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही अपने गांव को पानी की समस्या से निजात दिलाने योजना बनाई और तालाब खोदाई शुरू कर दिया। और इसे बारिस से पहले पूर्ण करने की भी ठान ली। अब रोजाना ग्रामीण सुबह से शाम तक अपने रोस्टरनुसार खुदाई करने पहुच रहे हैं। आपको बता दे कि राज्य सरकार एक ओर नरवा, गरवा, घुरवा, बाडी का नारा देकर ग्रामीणजनों के चहुंमुखी विकास का स्वप्न देखकर जिले के कई ग्राम पंचायतों में गौठानों का निर्माण जोर-षोर से कराया जा रहा है, लेकिन देवगांव इन सभी सरकारी योजनाओं से अभी कोशो दूर नजर आ रहा है।

अधिकारी नामजोक कर गए तो वापस ही नही लौटे
ग्रामीणों के बार-बार आवेदन किये जाने के बाद तीन से चार दफे वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी यहा स्थल चयन की बात कहते हुए नापजोख तो किया। लेकिन खोदाई करवाने अब तक कोई नही पहुँचा है। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है। लेकिन ग्रामीणों ने हर साल होने वाली पानी की समस्या को देखते हुए स्वयं से ही तालाब खोदाई करना ही बेहतर समझा।

सर्वसम्मति से लिया निर्णय
गांव के आसपास कोई तालाब व साधन नहीं होने से यहां के ग्रामीणों ने बैैठकों का आयोजन कर निर्णय लिया कि, बस्ती के सभी लोग अपने-अपने परिवार से 2-2 हजार रुपए चंदा करेंगे साथ ही तालाब खोदने के काम में श्रमदान भी करेंगे। सर्व सहमति से निर्णय होने के बाद देवगांववासियों के द्वारा जल्द से जल्द तालाब का निर्माण हो इसके लिए किराए पर जेसीबी लगाकर और श्रमदान से गोदी खोदकर जोर-षोर से तालाब के निर्माण कार्य में जुटे नजर आ रहे हैं।कोरोना के संक्रमणकाल में किए गए, लंबे लाॅक डाउन में ग्रामवासियों द्वारा आर्थिक संकट में होने के बावजूद अपने खर्च पर तालाब का निर्माण कराया जाना ग्रामीणों की एक अनुकरणीय पहल भी है।

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