पेशे से इलेक्ट्रेशियन अब्दूल मोहम्मद जिलानी कहते है
जिला बनने के बाद यहॉ धीरे-धीरे निर्माण कार्य तो रहे हैं। लेकिन यहॉ जो सुविधा स्थानीय लोगों को मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पा रही हैं। कॉलेज, हास्पिटल सहित अन्य के पक्की इमारते तो खड़ी हो गई पर न प्रोफेसर है और न ही डॉक्टर जिससे आज भी शिक्षा व इलाज के लिए अन्य शहरों की ओर जाना होता हैं। चुनाव में यह मुद्दा इस बार मुख्य रूप से सामने रहेगा।
व्यवसायी विरेद्र कुमार की माने तो
बेरोजगारी इलाके की सबसे बड़ी समस्या है, जो हर विधानसभा के दौरान मुद्दा बनकर सामने आता है और इस बार भी यह मुद्दा अन्य सभी मुद्दों पर हावी होगा। वे कहते है कि युवा पढ़-लिखकर बेरोजार घूम रहे हैं। शासन की योजनाएं भी हर किसी को काम देने में अब भी सफल नहीं हो पाई हैं। यही वजह है कि बेरोजगारी दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं। इससे निपटना बड़ी चुनौती है।
कृषक रमेश शार्दूल की माने तो
युवा वर्ग को बढ़ा देने वाली हर वो बात विधानसभा में राजनैतिक पार्टियों के सामने खड़ी रहेगी। जिससे युवाओं का विकास हो सके चाहे व रोजगार की बात हो या फिर अच्छी शिक्षा व्यवसथा की। जिले मे कृषि विज्ञान केंद्र स्वीकृत होने के बाद भी अब तक यहॉ भवन निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो पाया हैं। इससे इलाके के कृषकों को कई तरह की समस्याओं का समाधन समय पर नहीं हो रहा।
व्यवसायी व राजनैतिक पार्टी से तालुक रखने वाले गितेश गांधी कहते है
इलाके में उद्योग, शिक्षा, बाइपास, स्वास्थ्य, परिवहन ये कुछ ऐसे मुद्दे है। जिससे हर कोई रेाजाना जुझता हैं। चुनाव के दौरान यह मुद्दा होगा पार्टी को जीत के लिए और मतदाताओं को विकास के लिए। वे कहते है कि हमारा जिला उद्योग विहिन जिला के नाम से प्रदेश में पहचाना जाने लगा हैं। इसे मिटाना हैं जब हम आगे बढ़ रहे है तो उद्योग भी लगनी चाहिए।
कांट्रेक्टर एवं राजनैतिक पार्टी से जुड़े जितेंद्र सुराना की माने तो
इलाके में विकास का मुद्दा ही सबसे आगे होगा। जिले का हर तरह से विकास करवाना ही चुनावी मुद्दा होने के साथ ही स्थानीय निकाय की समस्याएं भी इस बार विधानसभा के दौरान मुद्दा रहेगी। कोई भी राजनैतिक पार्टी हो उन्हें विकास को लेकर ही चलना होगा तभी वो सफलता पा सकते हैं। कोंडागांव नवगठित जिला है इसलिए इसका विकास तेजी से होना है।