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सबकी नजर बस्तर की इस विधानसभा सीट पर, जीतने वाले का मंत्री बनना हो जाता है तय

locationकोंडागांवPublished: Nov 10, 2018 11:02:43 am

Submitted by:

Badal Dewangan

पूरे बस्तर में यही एक सीट ऐसी है जहॉ से प्रत्याशी को विजयश्री मिलने वह विधानसभा से सीधे किसी मंत्रालय का कार्यभार संभालता आया हैं।

मंत्री बनना हो जाता है तय

सबकी नजर बस्तर की इस विधानसभा सीट पर, जीतने वाले का मंत्री बनना हो जाता है तय

रामाकान्त सिन्हा/कोण्डागांव. बस्तर की कोण्डागांव हमेशा से अहम मानी जाती रही हैं। क्योंकि बस्तर की यही एक सीट ऐसी है जहॉ से प्रत्याशी को विजयश्री मिलने वह विधानसभा से सीधे किसी मंत्रालय का कार्यभार संभालता आया हैं। यही वजह है कि बस्तर की इस कोण्डागांव सीट के हर विधानसभा में राष्ट्रीय स्तर के नेता प्रचार-प्रसार करने पहुंचते हैं। इस बार भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमीत शाह अपने प्रत्याशी लता उसेंडी का प्रचार कर जनता से उनके लिए मतदान करने की अपील करने के लिए पिछले दिनों कोण्डागांव आए थे। तो वही आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी स्थानीय स्टेडियम में आम जनता को संबोधित करने के साथ ही अपने प्रत्याशी मोहन मरकाम को वोट करने की अपील करेगे।


हालांकि कोण्डागांव विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशी विजय होते रहे हैं। लेकिन वर्ष 2003 में हुए चुनाव के दौरान भाजपा की लता उसेंड़ी ने कांग्रेस से मंत्री रहे शंकर सोढ़ी को शिकस्त दी देकर इस सीट पर दो दफे विजयश्री हासिल किया और दो दफें वे मंत्री बनी। और कांग्रेस के मोहन मरकाम ने इस मंत्री सीट को वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा से छीन ली थी।
और एक बार फिर कांग्रेस का परचम लहरा दिया। हांलाकि वे मंत्री इसलिए नहीं बन पाए कि उनकी सरकार राज्य में नहीं बन पाई थी। लेकिन इस बार वे मंत्री बनने का ख्वाब देखते हुए चुनावी मैदान में उतरे हैं। ताकी कोण्डागांव विधानसभा की जो परिपाटी रही है वे बनी रही मंत्री पैदा करने की।

जीत का अंतर नहीं होता अधिक
इस विधानसभा सीट में जीत का अंतर अब तक 15 हजार के आंकड़े को पार नहीं कर पाया हैं। हालांकि पिछले दो दशक में मतदाताओं की संख्या में 10 से 20 हजार के बीच का अंतर देखने को मिला हैं। वर्ष 2013 में हुए चुनाव में नोटा को जीत के अंतर से अधिक लोगों ने पंसद किया था। वर्ष 2013 में जीत का अंतर 5135 था वही 2008 में 2771 एवं 2003 में 14121 था।

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