दरअसल आवेदन करने वाली युवति ललिता पोयाम बड़ेकुरूशनार में सड़क किनारे अपने चाचा के काबिज वाली एक जमीन पर पिछले कुछ सालों से होटल व दुकान का संचालन कर अपने परिवार का पालन-पोशण कर रही हैं। लेकिन जिस जमीन पर यह होटल व दुकान संचालित हो रहा हैं। उसे प्रशासन ने अवैध कब्जा बताते हुए उसे होटल को जेसीबी से तुड़वा दिया।
उसके परिवार में वहीं अकेली कमाने वाली हैं
इस मामले को लेकर युवति कलक्टर से अपनी फरियाद रखने आई कि उसके परिवार में वहीं अकेली कमाने वाली हैं। माता-पिता बुजूर्ग हो गए हैं आय का साधन भी अब प्रशासन ने बंद करवा दिया। उसके पास अब कुछ नहीं बचा जो भी था सब वहीं दुकान ही थी।
माओवादी संगठन से जुडऩे की अनुमति दी जाए
युवति ने कलक्टर से मांग रखी कि यदि उसे उनकी होटल वाली जमीन नहीं दी गई तो उसे माओवादी संगठन से जुडऩे की अनुमति दी जाए। ज्ञात हो कि जिले में अवैध तरीके से किए गए कब्जों पर जिला प्रशासन की पैनी नजर हैं। और धीरे-धीरे कर उन कब्जों को हटाने में जुटी हुई हैं। जिला मुख्यालय में ही पिछले दो सालों में तीन दर्जन से अधिक अवैध तरीके से बने मकानों की जमीन खाली करवाई हैं।