राह देखते बीत गए 5 साल
दरअसल पांच साल पहले हुए परिसीमन के दौरान बड़े बजोड़ा ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले भेलवापदरपारा को बोटीकनेरा पंचायत में जोड़ दिया गया। जिसका ग्रामीणों में काफी विरोध तो किया, लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद से ग्रामीण अपनी इस मांग को लेकर लगे रहे और देखते-देखते पांच साल बीत गए।
बहिष्कार करने की दी थी चेतावनी
ग्रामीणों ने तकरीबन माहभर पहले मांग पूरी नहीं होने पर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की बात कहते हुए इसकी सूचना भी अधिकारियों को दी थी। वहीं चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार में आए प्रत्यार्शियो को भी अपने मोहल्लों से बाहर का रास्ता यह कहते हुए दिखाया था कि, पहले बड़ेबनोजड़ा पंचायत में वापस शामिल किया जाए इसके बाद वे मतदान करेगें। चुनाव बहिष्कार करने वाले पारावासियों ने कहा, उनका भरोसा लोकतांत्रिक व्यवस्था से पूरी तरह उठ चुका है। क्योंकि 5 साल पहले हुए चुनाव में उन सभी लोगों ने भेलवापदरपारा को फिर से ग्राम बडे बंजोडा में जुडवाने में मदद् करने के वादे किए थे। लेकिन किसी ने हमारी मांग को लेकर आज तक कोई आवाज भी नहीं उठाई और उनकी पूरे पांच साल की सत्ता भी निकल गई।