कोंडागांव

सरकार की इन बातों से हो गए इतने नाराज कि, इस गांव के किसी भी ग्रामीण ने नहीं दिया वोट

ग्रामीणों ने कहा जब सरकार हमारी नहीं सुनती तो हम क्यों सुने उनकी

कोंडागांवJan 30, 2020 / 01:13 pm

Badal Dewangan

सरकार की इन बातों से हो गए इतने नाराज कि, इस गांव के किसी भी ग्रामीण ने नहीं दिया वोट

कोण्डागांव. शासन-प्रशासन के नियम कायदों से परेशान हो चले ग्राम पंचायत बोटीकनेरा के भेलवापदर वासियों ने इस बार पंचायत चुनाव से दूरी बनाए रखी और किसी ने भी अपने मताधिकार का उपयोग नहीं किया। ग्रामीणों की माने तो जब शासन-प्रशासन के लोग हमारी बात ही नहीं सुनते और हमारी मांगों पर कोई विचार ही नहीं करते तो। ऐसे में चुनाव के नाम पर केवल खानापूर्ति करने से क्या मतलब। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि, वे पिछले पांच वर्षो से अपनी मांग को लेकर लगातार कागजी कार्यवाही करते आ रहे है। बावजूद इसके हमारी सुनने वाला कोई नहीं है, और यही वजह रही कि, हम लोगों ने इस बार पंचायत चुनाव में वोट नहीं देने का निर्णय लिया था।

राह देखते बीत गए 5 साल
दरअसल पांच साल पहले हुए परिसीमन के दौरान बड़े बजोड़ा ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले भेलवापदरपारा को बोटीकनेरा पंचायत में जोड़ दिया गया। जिसका ग्रामीणों में काफी विरोध तो किया, लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद से ग्रामीण अपनी इस मांग को लेकर लगे रहे और देखते-देखते पांच साल बीत गए।

बहिष्कार करने की दी थी चेतावनी
ग्रामीणों ने तकरीबन माहभर पहले मांग पूरी नहीं होने पर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की बात कहते हुए इसकी सूचना भी अधिकारियों को दी थी। वहीं चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार में आए प्रत्यार्शियो को भी अपने मोहल्लों से बाहर का रास्ता यह कहते हुए दिखाया था कि, पहले बड़ेबनोजड़ा पंचायत में वापस शामिल किया जाए इसके बाद वे मतदान करेगें। चुनाव बहिष्कार करने वाले पारावासियों ने कहा, उनका भरोसा लोकतांत्रिक व्यवस्था से पूरी तरह उठ चुका है। क्योंकि 5 साल पहले हुए चुनाव में उन सभी लोगों ने भेलवापदरपारा को फिर से ग्राम बडे बंजोडा में जुडवाने में मदद् करने के वादे किए थे। लेकिन किसी ने हमारी मांग को लेकर आज तक कोई आवाज भी नहीं उठाई और उनकी पूरे पांच साल की सत्ता भी निकल गई।

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