कांग्रेस व भाजपा के कई जिला स्तर के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे
इसी बीच कांग्रेस व भाजपा के कई जिला स्तर के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। वहीं राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष भी मौके पर पहुंची और पीडि़ताओं के साथ वे एसपी से मिली। वहां भी नियमों का हवाला देकर इन्हें वापस भेज दिया गया। ज्ञात हो कि सीइओ जिला पंचायत डॉ संजय कन्नौजे पर अपत्तिजनक मैसेज व प्रताडऩा का आरोप कुछ महिला कर्मचारियों ने लगाया हैं। हालांकि इन सब बातों को सीइओ ने पहले ही नकारते हुए महिला कर्मचारियों को अपने शासकीय कार्य में लापरवाही करने पर उन्हें पूर्व में एससीएन जारी किए जाने की बात कही हैं।
पुलिस को चूड़ी भेंट करने की कोशिश की
प्रदर्शनकारी कुछ महिलाओं ने पुलिस अधिकारियों को एफ आइआर दर्ज नहीं कर सकते तो चूड़ी पहनने की बात कहते हुए उन्हें चूड़ी भेंट करने का प्रयास किया। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों में से एक ने पुलिस की वर्दी पहनने से पहले लिए गए शपथ को याद करने की बात भी कहते हुए जमकर नारेबाजी करते रहे। इस बीच प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच कुछ समय तक तिखी बहस भी हुई। हांलाकि पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले ही एसपी कार्यालय के दोनों मुख्य दरवाजे बंद करवा दिए थे और अतिरिक्त बल तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारियों को नान अध्यक्ष ने समझाते हुए वापस भेजा था। इसके बाद वे अगले रणनीति की तैयारी में हैं।
एसडीओपी कपिल चंद्रा ने बताया कि, नियमानुसार समिति के पास मामले को भेजा गया है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली कांड के बाद नियम में बदलाव किया गया है
जिलाध्यक्ष अधिवक्ता संघ आरके मेश्राम ने बताया कि, महिलाओं के लैंगिक उत्पीडऩ के मामले में दिल्ली कांड के बाद नियम में बदलाव किया गया है, कोई पीडि़ता थाने पहुंचती है तो पुलिस को उसका एफ आरआई दर्ज किया जाना चाहिए। इसके बाद भी मामला दर्ज नहीं होता तो एसपी के समक्ष पहुंच मामला दर्ज करवाया जा सकता है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो उन अधिकारियों पर मामला दर्ज हो सकता है। हालांकि सीइओ के मामले में क्या हुआ है इसकी मुझे पूरी जानकारी नहीं हैं।