सौ साल पुराने पेड़ के गिरने से 130 एशियन बर्ड की मौत
कोरबा. कोरबा. कनकीधाम में गुरुवार की दोपहर सौ साल पुराने पेड़ के गिरने से 130 प्रवासी पक्षी एशियन बर्ड की मौत हो गई। मरने वालों में अधिकतर बच्चे थे, जो कि कुछ दिन पहले अंडे से बाहर आए थे। अचानक पेड़ के गिरने से ये उड़ नहीं सके और ऊंचाई से नीचे गिर गए। जबकि बड़े पक्षियों ने उड़कर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पंचनामा कार्रवाई की गई।
पिछले 15 साल से भी अधिक समय से दक्षिण एशियाई देशों से हर साल एशियन ओपन बिल स्टार्क तथा लिटिल कारमोम्टेलस नामक पक्षी बड़ी संख्या में कनकी पहुंचते हैं। शिवधाम कनकेश्वर मंदिर के चारों ओर स्थित चिरौल, सेम्हर, नीम, पीपल, इमली आदि के वृक्षों में पक्षियों का बसेरा होता है। इन पेड़ों पर ही अपने पूरे प्रजनन काल का समय बिताते हैं। उसके बाद अंडे देने के बाद जब बच्चे बाहर आते हैं। उनके बड़े होने के इंतजार के बाद अक्टूबर में उनके साथ वापस अपने देश लौट जाते हैं।
पिछले कई साल से ये पक्षी और कनकी के लोगों के बीच एक गहरा रिश्ता से जुड़ गया है। यहां के लोगों को हर साल इन पक्षियों का इंतजार रहता है। बकायदा उनके आहार के लिए गांव वाले व्यवस्था भी करते हैं। मंदिर के ही जिस सरई पेड़ पर इन पक्षियों ने अपना आसरा बनाया था। वह काफी जर्जर हो चुका था। कभी भी गिर सकता था। गुरुवार को दोपहर तीन बजे के आसपास जोरदार बारिश की वजह से अचानक यह विशालकाय पेड़ गिर गया। पेड़ पर बैठे बड़े पक्षी तो उड़ गए, लेकिन बच्चे अभी उडऩे में सक्षम नहीं थे और नीचे गिरने से उसकी मौत हो गई।
संभावना, पेड़ गाज की वजह से गिरा संभावना जताई जा रही है कि पेड़ गाज की वजह से भी गिरा होगा। अगर पेड़ कमजोर होने की वजह से गिरता तो जड़ से गिरता। लेकिन यह पेड़ बीच से टूटकर गिरा है। जिस तरह से टूटा है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह गाज से ही गिरा होगा। पिछले बार हुई घटना के बाद यहां तडि़त चालक लगाया गया था। लेकिन वह भी किसी काम का नहीं है।
घायल पक्षी की इलाज में हुई देरी इधर एक दर्जन से ज्यादा पक्षी घायल भी हो गए। वन विभाग को इसकी सूचना शाम पांच बजे मिली। करतला रेंजर लगभग छह बजे पहुंचे। तब तक शाम हो चुकी थी। कई पक्षी घायल स्थिति में मिले। वेटनरी चिकित्सकों को भी बुलाया गया। देर शाम तक उन पक्षियों का इलाज किया जाता रहा।
पहले भी हो चुकी है मौत इसके पहले सितंबर 2012 में भी पक्षियों की मौत गाज गिरने से हो गई थी। लगभग 25 पक्षियों की मौत हो गई थी। इस मामले में एक समाजसेवी संगठन ने वन अधिकारियों के खिलाफ थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने वन विभाग को नोटिस भी दिया गया था। तडि़त चालक नहीं लगाने को लेकर कई बार नोटिस भी जारी किया गया था। उसके पहले भी दो दर्जन से अधिक पक्षियों की मौत हो गई थी।
– सूचना मिलने पर वन अमला कनकी में पहुंचा है। पेड़ काफी पुराना था, जिसके गिरने से 130 पक्षियों की मौत हुई है, पंचनामा कार्रवाई की जा रही है। विष्णु प्रसाद मरावी, रेंजर, करतला
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