सरकारी एजेंसी व एनजीओ भी करते हैं काम
किसी भी ट्रेड का प्रशिक्षण देने के लिए एजेंसी को वीटीपी के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। एक समय तक केवल एनजीओ ही प्रशिक्षण देने का कार्य करते थे। लेकिन आगे चलकर कृषि, उद्यानिकी व पशुधन जैसे कई कई विभागों का भी वीटीपी के तौर पर रजिस्ट्रेशन किया गया। शुरूआती कुछ दिनों तक एक्टिव रहने के बाद सरकारी विभाग पूरी तरह से निष्क्रीय हो गए। दरअसल सरकारी विभागों द्वारा दिए गए प्रशिक्षण में रोजगार का स्कोप तो है। लेकिन विभागीय कार्यों का बोझ होने के कारण वह ट्रेनिंग को समय नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण योजना केवल निजी एनजीओ तक ही सिमट कर रह गई है।