script4.50 लाख गरूवा मेंं सिर्फ 17 वेटनरी डॉक्टर, कैसे होगा एक माह में टीकाकरण | 17 Veterinary doctors, how to get vaccinated in a month | Patrika News

4.50 लाख गरूवा मेंं सिर्फ 17 वेटनरी डॉक्टर, कैसे होगा एक माह में टीकाकरण

locationकोरबाPublished: Feb 12, 2020 08:52:45 pm

Submitted by:

Deepak Gupta

० पशु चिकित्सा विभाग में डॉक्टरों समेत 77 पद खाली, 15 फरवरी से 15 मार्च तक राष्ट्रीय खुरहा-चपका रोग उन्मूलन कार्यक्रम

4.50 लाख गरूवा मेंं सिर्फ 17 वेटनरी डॉक्टर, कैसे होगा एक माह में टीकाकरण

4.50 लाख गरूवा मेंं सिर्फ 17 वेटनरी डॉक्टर, कैसे होगा एक माह में टीकाकरण

कोरबा. 15 फरवरी से 15 मार्च तक 4.50 लाख गायों का टीकाकरण होना है, लेकिन विभाग के पास डॉक्टर गिनती के हैं, साथ ही अन्य स्टॉफ के पद भी खाली है। ऐसे में एक माह के भीतर लक्ष्य पूरा करना टेढ़ी खीर साबित होगी।
जिले में लगभग साढ़े नौ लाख पशुओं में सिर्फ 17 वेटनरी डॉक्टर है। पशु चिकित्सा विभाग में डॉक्टरों समेत अलग-अलग 77 पद खाली पड़े हैं। यहां तक की दवाईयों का भी टोटा है। समय पर पशु चिकित्सालयों में वेटनरी डॉक्टर भी नहीं मिलते हैं। ऐसे में सरकार की नरूवा गरूवा घुरूवा बाड़ी योजना में गरूवा का समय पर इलाज में परेशानी आ रही है। इस वजह से मवेशी स्वामियों को काफी परेशानी हो रही है। जिले में पशु चिकित्सा विभाग में रिक्त पड़े स्टॉफ के पदों की वजहों से बीमार पशुओं को समय पर इलाज नहीं हो पाता। वाहनोंं में गाय, भैंस, कुत्ते लेकर पशु चिकित्सालयों से लेकर पशु विभाग के सामने भूस्वामी इंतजार करते रहते हैं। गांव में शिविर, पशुओं का टीकाकरण, कौशल उन्नयन से लेकर अन्य कार्यों में उलझे चिकित्सक भी अस्पतालों में पूरा समय नहीं दे पाते हैं। पशु चिकित्सालय जाने से पहले मवेशी मालिकों को फोन पर चिकित्सक की उपस्थिति जानना पड़ता है। भारी भरकम मवेशी को दूर-दूर से लोग जैसे-तैसे चिकित्सालय लेकर पहुंचते हैं। लेकिन जब चिकित्सक मौके पर नहीं मिलते हैं। तो मवेशी स्वामियों को बेहद परेशानी होती है। जिले में कुल साढ़े ९ लाख अलग-अलग प्रजाति के पशु हैं। इनके लिए जिले में महज १७ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ , सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 29 पद खाली है। कोरबा सहित अन्य विकासखंड में पशु चिकित्सा सेवा सिर्फ नाम का चल रहा है। 15 फरवरी से राष्ट्रीय खुरहा-चपका रोग उन्मूलन कार्यक्रम होना है। लेकिन विभाग में सेटअप की कमी से इसे पूरा होने में कम से कम अप्रैल तक का समय लग सकता है।

कर्मियों का चार्ट किया गया तैयार, एक भी मवेशी नहीं छूटना चाहिए
विभाग के वेटनरी डॉक्टर ने बताया कि कर्मियों का चार्ट तैयार किया गया है। सभी कर्मियों को अलग-अलग गांव की जिम्मेदारी दी गई है। एक भी मवेशी टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए। इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। एक गांव में काम पूरा करने के बाद टीम दूसरे गांव जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो