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अब नहीं चलेगा दूरी अधिक होने का बहाना, अगले महीने 220 मकानों के हैण्डओवर में जुटा हाउसिंग बोर्ड

locationकोरबाPublished: Jan 22, 2019 11:14:35 am

Submitted by:

Shiv Singh

जिले के पांच ब्लॉक में कोरबा व कटघोरा को छोड़कर शेष सभी ब्लॉक काफी दूरदराज इलाके में है। करतला, पाली व पोड़ीउपरोड़ा पूरी तरह से ग्रामीण अंचल है

अब नहीं चलेगा दूरी अधिक होने का बहाना, अगले महीने 220 मकानों के हैण्डओवर में जुटा हाउसिंग बोर्ड

अब नहीं चलेगा दूरी अधिक होने का बहाना, अगले महीने 220 मकानों के हैण्डओवर में जुटा हाउसिंग बोर्ड

कोरबा. अब दूरी अधिक होने का बहाना बताकर ब्लॉक मुख्यालय से बाहर रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमर्जी नहीं चलेगी। पांचो ही ब्लॉक में ४४-४४ कुल २२० मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। अगले महीने मकानों को हैंडओवर करने की तैयारी में हाउसिंग बोर्ड जुट गया है। जिले के पांच ब्लॉक में कोरबा व कटघोरा को छोड़कर शेष सभी ब्लॉक काफी दूरदराज इलाके में है। करतला, पाली व पोड़ीउपरोड़ा पूरी तरह से ग्रामीण अंचल है।
इस क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों के लंबी समय से आवास की समस्या रही है। एक तरफ कर्मठ कर्मचारी गांव में कहीं किराए के मकान पर रहकर ड्यूटी कर रहे हैं। तो वहीं आधे से अधिक कर्मचारी व अधिकारी दूरी अधिक होने व सुविधा नहीं होने का हवाला देकर अब भी शहर से आना-जाना करते हैं जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि ब्लॉक मुख्यालय में ही अधिकारियों व कर्मचारियों को रहना है।
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कई बार कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गई है। लेकिन ये क्षेत्र इतने अधिक दूरदराज है कि अफसर जांच करने नियमित तौर पर नहीं पहुंच पाते। इसी का फायदा शिक्षाकर्मी, जनपद के अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी सहित अन्य उठाते हैं। शासन ने एक साल पहले पांचो ही ब्लॉक में ४४-४४ मकान के लिए स्वीकृति दी थी। काम का जिम्मा हाउसिंग बोर्ड को दी गई थी। हाउसिंग बोर्ड को फरवरी तक काम पूरा करना था। विभाग ने समय पर काम पूरा कर लिया है। अगले महीने इन मकानों को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
अभी से आंबटन के लिए आवेदन जमा होना शुरू
सरकार मकानों को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों में बेसब्री से इंतजार है। मकान पूरा होने से पहले ही इसके आंबटन के लिए कलेक्ट्रोरेट में आवेदन जमा करना शुरू कर दिया गया है। सबसे अधिक मांग कोरबा ब्लॉक मुख्यालय में है। दरअसल मुख्यालय होने की वजह से सभी विभागों के कर्मचारी है जो बाहर किराए पर रहते हैं। पहले से राजस्व विभाग, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई कॉलोनी में मकानों की संख्या कम है।

शांपिंग काम्पलेक्स भी
मकानों के साथ कॉलोनी में शापिंग काम्पलेक्स का भी निर्माण कराया गया है। ताकि कर्मचारियों को बाहर ना जाना पड़े। दुकान आवंटन के लिए भी विभाग पर प्रक्रिया शुरू करेगा। रोजमर्रा की चीजों को लेकर कर्मियों को आसानी होगी।

मेंटनेंस को लेकर तैयारी नहीं
सरकारी कॉलोनी में बाद में मरम्मत को लेकर समस्या आती है। हैंडओवर के बाद मकानों में आने वाली समस्याओं पर किसकी देखरेख में काम होगा। इसके आलावा रुटीन सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइट व अन्य कार्यों को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। ताकि बाद में कर्मचारियों को परेशानी ना हो।

-सभी जगह कॉलोनी लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। फिनिंशिंग का काम चल रहा है। उसके बाद फरवरी में इसे हैंडओवर कर दिया जाएगा- ए नीखरा, ईई, हाउसिंग बोर्ड

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