scriptमालगाडिय़ों पर हर फेरे में घट गया 59 टन कोयला, ये है वजह… | 59 tonnes of coal reduced in every round on freight | Patrika News

मालगाडिय़ों पर हर फेरे में घट गया 59 टन कोयला, ये है वजह…

locationकोरबाPublished: Jul 07, 2019 11:51:20 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

जुलाई की शुरूआत में मानसून की दस्तक से कोयले (Coal) का लदान घट गया है। हालात यह है कि मालगाड़ी के प्रत्येक फेरे में 59 टन कोयले (Coal) का लदान कम हो गया है। इतना ही नहीं आने वाले अगस्त माह तक ऐसी परिस्थितियों के बने रहने की संभावना है।

मालगाडिय़ों पर हर फेरे में घट गया 59 टन कोयला, ये है वजह...

मालगाडिय़ों पर हर फेरे में घट गया 59 टन कोयला, ये है वजह…

कोरबा. मालगाड़ी के एक रैक में 59 वेगन मौजूद होते हैं। बारिश के कारण प्रत्येक वेगन में एक टन कोयले (Coal) का लदान कम हो गया है। लदान कम होने के साथ ही कोल साईडिंग में कोयला (Coal) लोडिंग के दौरान अतिरिक्त एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। कोरबा जिले के विभिन्न साईडिंग से रेलवे देश भर के अलग-अलग स्थानों पर कोयले का परिवहन करती है। दरअसल टे्रन में कोयला (Coal) लदान के दौरान टे्रक पर कोयला (Coal) व डस्ट गिर जाता है। बारिश की वजह पानी में बहकर कोल डस्ट टे्रक व उसके आसपास जम जाती है। जिससे कोयला (Coal) लोड टे्रन को आगे बढ़ाने में दिक्कतें आ रही है। इस संबंध में साईडिंग में लगे एसईसीएल (SECL) के टे्रक मैंटेनेंस की टीम सफाई पर ली हुई है।
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इधर रेल परिवहन विभाग ने साइडिंग में किसी अप्रिय दुर्घटना न हो। इसके लिए रेलवे मालगाड़ी के प्रति वैगन पर एक टन कोयला लदान कम कर परिचालन कर रही है। बताया जा रहा है कि यह स्थिति 15 अगस्त तक जारी रहेगी। मौसम साफ होने के बाद फिर से निर्धारित वैगन की क्षमता के आधार पर कोयला लदान किए जाने की संभावना है। हालांकि हर साल बारिश के मौसम में कोयला परिवहन थोड़ी प्रभावित रहती है।
गौरतलब है कि विगत दिनों साईडिंग में टे्रक से टे्रन का पहिया पटरी से उतर गई थी। डिब्बा खुल गया था। जिससे रेलवे (Railway) को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। वहीं बारिश में हादसे होने की अधिक आशंका रहती है। जिसे लेकर रेलवे प्रबंधन ने रेलवे ट्रेक की सफाई को लेकर निर्देश दिए हैं।
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प्रतिदिन 40 से 45 मालगाड़ी दौड़ रही
इधर रेलवे ने यात्री सुविधाओं को दरकिनार कर कोयला (Coal) परिचालन से कमाई करने फोकस कर दिया है। टे्रक पर मालगाडिय़ों को दौड़ाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन दिन आउटवर्ड और इनवर्ड मिलाकर लगभग 45 से 46 रैक प्रतिदिन परिचालन किया जा रहा है। जबकि इसी टे्रक पर ही यात्री ट्रेने परिचालित हो रही है। ऐसे में यात्री गाड़ी को आउटर में खड़ी कर मालगाड़ी प्राथमिकता दी जा रही है।

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