scriptअगर आप भी करते है क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल,तो हो सकता है ये बड़ा हादसा | Alert : You can be accused if you are using Credit Card | Patrika News

अगर आप भी करते है क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल,तो हो सकता है ये बड़ा हादसा

locationकोरबाPublished: Apr 20, 2019 09:59:28 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

* हॉस्टल अधीक्षक का क्रेडिट कार्ड हैक, लंदन से की शॉपिंग, न मेल आया न ही ओटीपी
* पासबुक पर स्टेट नोट कराने पहुंचने पर हुई जानकारी
* पतासाजी में जुटी पुलिसए डेबिट के बजाय क्रेडिट कार्ड से बढ़ी धोखाधड़ी
 

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अगर आप भी करते है क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल,तो हो सकता है ये बड़ा हादसा

कोरबा। एनटीपीसी के हॉस्टल में अधीक्षक के पद पर कार्यरत कर्मचारी का क्रेडिट कार्ड हैक कर साइबर अपराधियों ने लंदन से ऑनलाइन शॉपिंग की, लेकिन कर्मचारी के मोबाइल पर ओटीपी जारी नहीं हुआ और न ई-मेल पर सूचना आई। कर्मचारी पासबुक पर स्टेटमेंट की इंट्री कराने पहुंचा तो मामले की जानकारी हुई। कर्मचारी ने क्रेडिट कार्ड ब्लॉक कराने के बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस पतासाजी कर रही है। हालांकि थाने में एफआइआर दर्ज नहीं हुआ है।
शिकायत के आधार पर सूत्रों ने बताया कि प्रदीप कुमार तिवारी एनटीपीसी में हॉस्टल अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने स्टेट बैंक से एक क्रेडिट कार्ड लिया था। 18 अप्रैल को तिवारी पासबुक पर इंट्री कराने पहुंचे तब उन्हें अपने क्रेडिट कार्ड से दो किस्तों में 83 हजार 562 रुपए की ऑनलाइन खरीदी की जानकारी मिली। यह देखकर उन्होंने बैंक में पतासाजी की। साइबर सेल को अवगत कराया। अब तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि प्रदीप के क्रेडिट कार्ड से लंदन की कंपनी गियरबेस्ट डॉट कॉम से ऑनलाइन खरीदी हुई है।
– न ओटीपी जारी हुआ न ही ई-मेल आया

क्रेडिट कार्ड हैक कर हुई इस ठगी का गंभीर पहलू यह है कि क्रेडिट कार्ड धारक प्रदीप को अपने खाते से हुई निकासी की कोई सूचना नहीं मिली। बैंक में रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नंबर पर न तो ओटीपी जेनरेट हुआ और न ही ई मेल पहुंचा।
– पहले 10 से 12 बार जारी हुआ ओटीपी

पुलिस को जांच में पता चला है कि लंदन की शॉपिंग कंपनी से ऑनलाइन खरीदी से पहले हैकर्स ने इंडियन कंपनियों में भी कोशिश की थी। तब प्रदीप के मोबाइल पर ओटीपी जारी हुआ था। यह ओटीपी एक बार नहीं बल्कि 10 से 12 जारी हुआ था। इस आधार पर पुलिस मान रही है कि हैकर्स ने 10 से 12 बार खरीदी की कोशिश की। हैकर्स को ओटीपी नहीं मिला।
– पुलिस ने बताया- विदेश से ऑनलाइन खरीदी पर जारी नहीं होता ओटीपी

इधर, पुलिस का कहना है कि ऑनलाइन विदेशी कंपनियों से शॉपिंग करने पर बैंक की ओर से कोई ओटीपी जारी नहीं हुआ। लेने-देन के लिए क्रेडिट कार्ड नंबर और वैधता की तिथि पर्याप्त होती है।
– क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रकिया पर फिर उठे सवाल

बैंको ने क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए अलग-अलग निजी कंपनियों से अनुबंध किया है। निजी कंपनी के कर्मचारी खातेदार से सम्पर्क करते हैं। उन्हें क्रेडिट कार्ड बनाने का ऑफर देते हैं। पुलिस का कहना है कि निजी कंपनियों का कार्यालय दिल्ली, नोएडा और गुडग़ांव या एनसीसीआर के अन्य हिस्सों में है। इन कंपनियों के कुछ कर्मचारी खातेदारों का खाते की निजी जानकारी बाजार में बेच देते हैं। इसके पहले कोरबा पुलिस ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। नोएडा से एक गिरोह को पकड़ा है।
– सोच-विचार कर बनाए क्रेडिट कार्ड

पुलिस का कहना है कि क्रेडिट कार्ड बनाने से पहले सोच विचार अवश्य कर लें। क्रेडिट कार्ड को एक्टिव करने के नाम पर भी ठगी हो रही है। खातेदारों को निजी जानकारी सार्वजनिक करने से बचना चाहिए।
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