कोयला मजदूर सभा के महामंत्री नाथूलाल पाण्डेय ने गुरुवार को प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग को बुलंदियों तक ले जाने में सालों से काम कर रहे कोल कर्मियों व ठेका मजदूरों का योगदान है।
एसईसीएल ने उनके योगदान से मशीनें खरीदी, मजदूरों की तनख्वाह बढ़ाई, बोनस दिया लेकिन अधिकारियों ने छुपी हुई चोरियां की। इसके बावजूद कोल इंडिया 66 हजार करोड़ सरप्लस पर है। कोल इंडिया के 25 प्रतिशत शेयर बिक चुके है। यह शेयर विदेशी व एनआरआई के पास है। पांडेय ने कहा कि कंपनी एक्ट में लाभ का लाभांश देने का नियम है। एक शेयर होल्डर कर्मचारी भी है। लेकिन कर्मचारियों को लाभांश नहीं दिया जाता। विदेशी व एनआरआई शेयर धारकों को लाभांश दिया जाता है।
41 हजार करोड़ रुपए का लाभांश कोल इंडिया ने सरकार के दबाव में दिया है। जिसमें से 20 प्रतिशत शेयर धारकों को 8200 करोड़ का लाभांश दिया गया। औद्योगिक प्रदूषण के लिए एसईसीएल लाभ का 10 प्रतिशत सीएसआर मद के रूप में क्षेत्र के विकास के लिए देती है।
वह केवल कर्मचारियों व आम जनता को उनका अधिकार देती है। पाण्डेय ने कहा कि एनसीडब्ल्यूए-10 में काफी विसंगतियां है। जिसमें मजदूर सभा ने हस्ताक्षर नहीं किया है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। इस बैठक का मैच फिक्स था। मजदूर विरोधी निर्णय लेने के बाद केक काटकर जश्न मनाया गया।
एनसीडब्ल्यूए-10 के विसंगतियों में संडे ड्यूटी बंद करना, अनुकंपा नियुक्ति बंद करना समेत अन्य मजदूर विरोधी बिन्दु शामिल है। उन्होंने कहा कि 13 लाख मजदूर है। रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति अनफिट होने पर तत्काल परिवार के आश्रित को प्रदान किया जाता है।
लेकिन एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति बंद करने की मुहिम चलाई जा रही है। धीरे-धीरे अनुकंपा नियुक्ति देना बंद किया जा रहा है। लिस्ट बनाकर रोस्टर के आधार पर वैकेंसी होने पर नौकरी दी जा रही है और इसका हवाला सुप्रीम कोर्ट का दिया जा रहा है। प्रेस वार्ता में मजदूर नेता रेशमलाल सहित अन्य नेता उपस्थित थे।